Paper Leak: पिछले 15 साल में कितने पेपर हुए लीक? मास्टर माइंड से जुड़ी पूरी जानकारी…

Paper Leak: How many papers were leaked in the last 15 years? Complete information related to Master Mind...

Paper Leak: देश में जल्द ही लोकसभा चुनाव होने वाले हैं। इससे पहले सरकारी भर्तियों में पेपर लीक (Paper Leak) होने की ख़बरें लगातार चर्चाओं में हैं। कांग्रेंस ने जो पांस गारंटी का वादा किया था उसमें से एक पेपर लीक पर सख्त कानून बनाने के लिए भी ऐलान किया है। लोकसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस ने अपने नारे में पेपर लीक का नारा भी शामिल किया है। केवल कांग्रेस ही नहीं बीजेपी भी इस होड़ में लगी है, राजस्थान में बीजेपी ने पेपर लीक करने वाले आरोपियों पर सख्त कार्रवाई के आदेश दिए हैं।

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अगर हम देश के पिछले 5 सालों के पेपर लीक का रिकॉर्ड देखें तो लगभग 15 राज्यों की कम से कम 45 सरकारी भर्ती परीक्षाओं का पेपर लीक हुआ है। इससे उन सभी 1.4 करोड़ अभ्यर्थियों पर बुरा असर पड़ा है, जो सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहे थे। पेपर लीक की घटनाएं केंद्र और कई राज्यों में कानून बनने के बाद भी जारी हैं। पेपर लीक की समस्या को देखते हुए कई सरकारों ने भर्ती एग्जाम ही कराना बंद कर दिया है। 2014 में उत्तर प्रदेश में पहली बार पेपर लीक की खबर सामने आई थी। तब उत्तर प्रदेश में CPMT का पत्र लीक हुआ था। इस लीक ने उस समय की अखिलेश यादव सरकार को बहुत बदनाम किया। मामले की जांच करने वाली संस्था, केजीएमयू भी चर्चा में आई।

रेलवे भर्ती बोर्ड की परीक्षा का पेपर इसी साल जुलाई में लखनऊ में लीक हो गया। UPSTF मामले की जांच करेगा। ठीक एक साल बाद बिहार में बोर्ड परीक्षा का पेपर लीक हो गया। बीजेपी ने उस वक्त बिहार में इसे बड़ा मुद्दा बनाया। सभी पेपर लीक सरकारी कार्यों से जुड़े हैं। रिपोर्ट के अनुसार, 1.4 करोड़ लोगों पर सीधे पेपर लीक का असर पड़ा।

पेपर लीक करने वाले लोगों का लक्ष्य

पेपर लीक करने वाले गैंग के लोगों का पहला लक्ष्य समय से पहले पेपर निकालना होता है, इसके लिए वे बोर्ड के सदस्यों से संपर्क करते हैं। राजस्थान में पेपर लीक की जांच कर रही एसओजी ने अपनी चार्जशीट में कहा कि बोर्ड के सदस्य इसमें शामिल थे, इसलिए इतनी आसानी से घटना हो पाई। 2023 में SOG ने राजस्थान भर्ती बोर्ड के सदस्य बाबूलाल कटारा को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में कटारा ने बताया कि परीक्षा से दो महीने पहले ही उन्होंने गैंग के सदस्यों को प्रश्न पत्र दे दिए थे। बिल्कुल इसी तरह से झारखंड में हुआ, जहां परीक्षा के लिए सरकार ने जिस कंपनी को अधिकृत किया था, पेपर लीक करने में इसी हाथ था।

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दूसरा मकसद

पेपर लीक करने वाले लोगों का दूसरा लक्ष्य ग्राहक खोजना होता है। गैंग के सदस्य कई शहरों में मिलकर ग्राहक खोजते हैं। हाल ही में कई राज्यों की जांच एजेंसियों ने बताया कि गिरोह कोचिंग संस्थानों से पेपर खरीदने के लिए संपर्क करता है। कोचिंग संस्थान के मालिकों ने पेपर खरीदकर यहां के बच्चों को बेच दिया। बिहार, उत्तराखंड और राजस्थान से कई कोचिंग मालिक पेपर लीक बेचने के आरोप में गिरफ्तार हो चुके हैं। राजस्थान में एसआई भर्ती मामले में हाल ही में लीक हुए पत्र भी 14 कोचिंग मालिक जांच एजेंसी की निगरानी में हैं।

पैसे का लेन-देन कैसे होता है?

पेपर लीक गिरोह के सदस्य भी पैसे के लेन-देन में बहुत सावधान रहते हैं। बिहार में जांच एजेंसी ने इस विषय में महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त की। सूत्रों के मुताबिक अक्टूबर 2023 में बिहार में सिपाही बहाली का पेपर लीक हुआ था, जिसमें पूरा पैसा हवाला के जरिए किया गया था। साथ ही, इस संदर्भ में जांच एजेंसी EOU को बहुत सारे सबूत मिले थे। राजस्थान और झारखंड में भी पैसे बैकडोर से ही हस्तांतरित किए गए। यही कारण है कि प्रवर्तन निदेशालय की टीम राजस्थान और झारखंड में भी पेपर लीक की जांच कर रही है। इसमें भी पैसे लेने के दो और तरीके होते हैं। गिरोह के सदस्य पेपर देने के वक्त उम्मीदवार से पहले आगे बढ़ते हैं। परीक्षा पूरी होने पर उम्मीदवार से पूरा पैसा लिया जाएगा।

आरोपी कौन ?

अब तक पेपर लीक से जुड़े जितने भी मास्टर माइंड गिरफ्तार किए गए हैं, उनमें से अधिकांश मुन्ना भाई के साथ काम कर चुके हैं। राजस्थान स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप ने हाल ही में जगदीश बिश्नोई को भर्ती परीक्षा का आविष्कारक गिरफ्तार किया है। 2010 से पहले तक, बिशनोई दूसरे के बदले परीक्षा में बैठता था। 2010 के बाद जब सख्ती बढ़ी, तो पेपर लीक करने लगे। राजस्थान पुलिस ने कहा कि जगदीश ने जेल से बाहर आने के बाद फिर से ये काम करना शुरू कर दिया। बिहार पब्लिक सर्विस कमीशन के पेपर लीक मास्टर माइंड आनंद गौरव (पिंटू यादव) ऐसा ही उदाहरण है। 2022 बीपीएससी परीक्षा का पेपर लीक करने के आरोप में मुंगेर निवासी पिंटू फिलहाल जेल में है।

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