अमन पांडेय: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज 27 जनवरी को परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम के जरिए छात्रों और शिक्षकों से संवाद कर रहे हैं। इस प्रोग्राम में कला उत्सव प्रतियोगिता के लगभग 80 विनर्स और देश भर के 102 छात्र और शिक्षक शामिल हैं। पीएम मोदी, इस प्रोग्राम के जरिए छात्रों के मन से बोर्ड परीक्षा का डर निकालने और बेहतर तैयारी के गुण बता रहे हैं।
टाइम मैनेजमेंट कैसे करना है, ये अपनी मां से सीखें :पीएम
पीएम मोदी ने कहा, क्या आपने कभी अपनी मां के काम को ऑब्जर्व किया है। मां दिन के हर काम का टाइम मैनेजमेंट सबसे अच्छी तरह से करती है। मां के पास सबसे ज्यादा काम होता है, मगर उसका टाइम मैनेजमेंट इतना अच्छा होता है कि हर काम समय पर होता है।
जीवन का सहज हिस्सा परिक्षा
पीएम मोदी ने कहा कि मन में तय कर लीजिए कि परीक्षा जीवन का सहज हिस्सा है। हमारी विकास यात्रा के ये छोटे-छोटे पड़ाव हैं। इस पड़ाव से पहले भी हम गुजर चुके हैं। पहले भी हम कई बार परीक्षा दे चुके हैं। जब ये विश्वास पैदा हो जाता है तो आने वाली परीक्षा के लिए ये अनुभव आपकी ताकत बन जाता है।
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टाइम मैनेजमेंट को लेकर पीएम की सीख
प्रधानमंत्री ने कहा कि हम अपने पसंद की चीज में ही अपना सबसे ज्यादा समय बिताते हैं। फिर जो विषय छूट जाते हैं उनका भार बढ़ता जाता है। ऐसे में सबसे कठिन विषय को सबसे पहले और उसके ठीक बाद सबसे पसंद का विषय। ऐसे ही एक के बाद एक पसंद और नापसंद के विषयों को समय दें।
सोशल स्टेटस का दवाब बच्चों पर न डालें: पीएम मोदी
पीएम मोदी ने कहा कि पैरेंट्स अपने बच्चों के बारे में बाहर जाकर बड़ी बड़ी बातें कर देते हैं, और फिर बच्चों से वैसी ही उम्मीद करते हैं। ऐसे में क्या हमें इन दवाबों से दबना चाहिए क्या? दिनभर जो कहा जाता है, उसी को सुनते रहेंगे या अपने अंदर झांकेंगे? क्रिकेट में स्टेडियम में लोग चौका, छक्का चिल्लाते रहते है, तो क्या खिलाड़ी पब्लिक की डिमांड पर चौके छक्के लगाता है खिलाड़ी केवल गेंद पर ध्यान देता है।
रियल में पढ़ते है, या रील देखते हैं
प्रधानमंत्री ने कहा कि जब आप ऑनलाइन पढ़ाई करते हैं तो क्या आप सच में पढ़ाई करते हैं या रील देखते हैं? दोष ऑनलाइन या ऑफलाइन का नहीं है। क्लास में भी कई बार आपका शरीर क्लास में होगा, आपकी आंखें टीचर की तरफ होंगी लेकिन कान में एक भी बात नहीं जाती होगी क्योंकि आपका दिमाग कहीं और होगा।