प्रधानमंत्री मोदी ने आज दिल्ली में वैश्विक बौद्ध सम्मेलन का किया उद्घाटन

(प्रदीप कुमार)-प्रधानमंत्री मोदी ने आज दिल्ली में वैश्विक बौद्ध सम्मेलन का उद्घाटन किया। अपने संबोधन में पीएम मोदी ने गौतम बुद्ध के दर्शन के जरिए वैश्विक कल्याण का मंत्र दिया। पीएम मोदी ने रूस-यूक्रेन वॉर का जिक्र किया तो चीन को भी परोक्ष मैसेज दिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज दिल्ली में पहले वैश्विक बौद्ध शिखर सम्मेलन का उद्घाटन किया।उद्घाटन के दौरान अपने संबोधन में PM मोदी ने कहा कि गौतम बुद्ध की शिक्षाओं ने सदियों से अनगिनत लोगों को प्रभावित किया है। इनसे प्रेरित होकर भारत विश्व कल्याण के लिए नई पहल कर रहा है।
सम्मेलन को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि बुद्ध व्यक्ति से आगे बढ़ कर एक बोध हैं,बुद्ध स्वरूप से आगे बढ़कर एक सोच हैं, बुद्ध चित्रण से आगे बढ़कर एक चेतना हैं और बुद्ध की ये चेतना चिरंतर है। यह सोच शाश्वत है, ये बोध अविस्मरणीय है।इसलिए आज अलग-अलग देशों से, भौगोलिक-सांस्कृतिक परिवेश से लोग यहां एक साथ उपस्थित हैं। पीएम ने कहा कि यही भगवान बुद्ध का वो विस्तार है जो पूरी मानवता को एक सूत्र में जोड़ता है।

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अपने संबोधन में पीएम मोदी ने रूस यूक्रेन युद्ध का भी जिक्र किया साथ ही पीएम मोदी ने इशारों में युद्ध और शांति की बात करते हुए चीन को बड़ा संदेश दिया।पीएम मोदी ने कहा कि कुछ साल पहले संयुक्त राष्ट्र में मैंने गर्व के साथ कहा था कि भारत ने दुनिया को युद्ध नहीं,बुद्ध दिए हैं।पीएम मोदी ने कहा कि जहां बुद्ध की करुणा हो, वहां संघर्ष नहीं समन्वय होता है, अशांति नहीं शांति होती है।पीएम मोदी ने कहा कि आज दुनिया जिस युद्ध और अशांति से पीड़ित है, उसका समाधान बुद्ध के उपदेशों में है।
पीएम मोदी ने कहा कि बुद्ध का मार्ग भविष्य का मार्ग है। अगर दुनिया बुद्ध की सीखों पर चला होता तो जलवायु परिवर्तन जैसे संकट का कभी सामना नहीं करना पड़ता।पीएम मोदी ने कहा कि जलवायु परिवर्तन जैसा संकट इसलिए आया क्योंकि पिछली शताब्दी में कुछ देशों ने आने वाली पीढ़ियों के बारे में नहीं सोचा। पीएम मोदी ने कहा कि हर व्यक्ति जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों से लड़ सकता है। लोगों को जागरूक होकर प्रयास करने की जरूरत है।
पीएम मोदी ने बुद्ध का संदेश देते हुए कहा कि आज यह समय की मांग है कि हर व्यक्ति की, हर राष्ट्र की प्राथमिकता अपने देश के हित के साथ ही विश्व हित भी हो।दिल्ली के अशोक होटल में जारी इस दो-दिवसीय वैश्विक बौद्ध शिखर सम्मेलन का विषय “समकालीन चुनौतियों के प्रति प्रतिक्रिया : दर्शन से अभ्यास तक” है।  इस शिखर सम्मेलन में लगभग 30 देशों के लगभग 171 प्रतिनिधि और भारतीय बौद्ध संगठनों के 150 प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं। दुनिया भर के प्रतिष्ठित विद्वान,संघ के नेता और धर्म के अनुयायी भी इसमें हिस्सा ले रहे है।

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