मोदी सरनेम को लेकर सूरत कोर्ट से राहत ना मिलने के फैसले ने राहुल गांधी की बढ़ी मुश्किलें

(प्रदीप कुमार)– मोदी सरनेम को लेकर सूरत कोर्ट से राहत ना मिलने के फैसले ने राहुल गांधी की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। इस फैसले के बाद कांग्रेस पार्टी में भी हलचल बढ़ गई है। सूरत कोर्ट ने राहुल गांधी द्वारा 2019 में ‘मोदी सरनेम’ टिप्पणी पर मानहानि मामले में अपनी सजा पर रोक लगाने की याचिका खारिज कर दी है। मानहानि की दो साल की सजा को कोर्ट ने बरकरार रखी है। कोर्ट के इस फैसले के बाद राहुल गांधी की संसद सदस्यता रद्द रहेगी। राहुल गांधी को अब  हाईकोर्ट में अपील दायर करनी पड़ेगी।
राहुल गांधी पर आए इस फैसले के बाद कांग्रेस खेमे में हलचल बढ़ गई। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश और हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा कांग्रेस मुख्यालय में पूर्व निर्धारित प्रेस कॉन्फ्रेंस के लिए आए तो राहुल गांधी से जुड़े सवाल पूछे गए।जयराम रमेश ने कहा कि इस पर अलग से पार्टी प्रवक्ता और कानूनी मामलों के जानकार अभिषेक मनु सिंघवी प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे।
हालांकि बार-बार सवाल पूछे जाने के बाद वरिष्ठ पार्टी नेता और हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने बयान दिया कि हम कानूनी लड़ाई लड़ेंगे,यह राजनीति से प्रेरित मामला है, हमें न्यायपालिका पर भरोसा है। इसके बाद कानूनी मामलों के जानकार पार्टी प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने राहुल गांधी पर आये सूरत कोर्ट के फैसले को लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस की। पार्टी प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि हमारे पास जितने भी कानूनी विकल्प हैं, उसमें हम अपने अधिकार क्षेत्र का इस्तेमाल करेंगे।
यदि कोई समझता है कि राहुल जी की आवाज रुकेगी-झुकेगी, वो न राहुल गांधी को जानते हैं… न कांग्रेस को समझते हैं। राहुल गांधी जी स्पष्ट व सच बोलते हैं। वह अपनी आवाज़ पुरजोर तरीके से सबके सामने रखेंगे। अभिषेक मनु सिंघवी ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि जो OBC के अपमान की बात कह रहे हैं, अब उसका उल्टा असर हो रहा है।OBC वर्ग भी समझ चुका है कि मोदी जी और BJP राजनीतिक रूप से उनके नाम का दुरुपयोग कर रहे हैं।
बहरहाल कानूनी मामलों के जानकारों का मानना है कि राहुल गांधी को निचली अदालत ने 23 मार्च 2023 को दो साल की सजा सुनाई थी। तब एक महीने के लिए सजा पर रोक लगाते हुए कोर्ट ने उन्हें इसके खिलाफ सेशंस कोर्ट जाने का मौका दिया था। आज 20 अप्रैल है और सेशंस कोर्ट ने उन्हें राहत नहीं दी। मतलब अभी भी उनकी सजा बरकरार है। ऐसे में अगर तीन दिन के अंदर राहुल गांधी को हाईकोर्ट या किसी ऊपरी अदालत से राहत नहीं मिलती है तो यकीनन उन्हें जेल भी जाना पड़ सकता है।

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