Farmers Protest: पंजाब-हरियाणा के खनौरी बॉर्डर पर 21 साल के युवा किसान शुभकरण की मौत के विरोध में किसान शुक्रवार को ब्लैक डे मना रहे हैं।किसान आज के दिन को आक्रोश दिवस के रूप में मना रहे हैं। 21 साल के किसान शुभकरण सिंह की बुधवार को हरियाणा पुलिस और पंजाब के किसानों के बीच झड़प के दौरान मौत हो गई थी।इसे देखते हुए प्रदर्शनकारी किसानों ने अपने मार्च को दो दिन के लिए रोक दिया था। उन्होंने शुक्रवार को ब्लैक डे मनाने का ऐलान किया था।
100 किसान संगठनों ने हिस्सा लिया- शंभू बॉर्डर पर विरोध स्थल पर मौजूद किसान ने कहा कि आज हम काला दिवस मना रहे हैं। हम अपने सिर पर काला कपड़ा पहन रहे हैं और वाहनों, घरों, दुकानों और विक्रेताओं के स्टालों पर काले झंडे लगा रहे हैं।”खनौरी बॉर्डर पर शुभकरण की मौत के विरोध में देशभर में ब्लैक डे मनाने का फैसला संयुक्त किसान मोर्चा की गुरुवार को साढ़े चार घंटे चली बैठक के बाद लिया गया। इसमें 100 किसान संगठनों ने हिस्सा लिया। 26 को देशभर में ट्रैक्टर मार्च और 14 मार्च को दिल्ली में महापंचायत करने पर सहमति जताई।संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनैतिक) और किसान मजदूर मोर्चा (केएमएम) न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर कानूनी गारंटी समेत अपनी मांगों को मनवाने के लिए बीजेपी की अगुवाई वाली केंद्र सरकार पर दबाव बनाने के लिए ‘दिल्ली चलो’ मार्च कर रहे हैं।
संयुक्त किसान मोर्चा ‘दिल्ली चलो’ मार्च का हिस्सा नहीं है।
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आकाश सिंह, किसान: आज हम काला दिवस मना रहे हैं। हम अपने सिर पर काला कपड़ा बांधे हुए हैं और वाहनों, घरों, दुकानों और विक्रेताओं के स्टालों पर काले झंडे लगा रहे हैं। केंद्र हमें इंसान नहीं मानती है, हम शांतिपूर्वक दिल्ली की ओर जा रहे थे, उन्होंने हमें रोका हरियाणा सीमा पर। केंद्र सरकार जो कुछ कर रही है हमने उसकी कल्पना नहीं की थी।”
परमजीत सिंह, किसान: हमारी मांग मानने के बजाय, वे हम पर गोलियां चला रहे हैं, आंसू गै का इस्तेमाल किया जा रहा है। हमारे कई किसान घायल हैं। खनौरी पर उन्होंने सीमा पार कर दी और 21 वर्षीय शुभकरण की गोली मारकर हत्या कर दी गई है, आज काला दिवस मना रहे हैं। हमने अपील की है कि कारों, घरों पर काले झंडे लगाए जाएं। हम अपने हाथों पर काली पट्टियां पहन रहे हैं। हमें लगता है कि हम पर गोलीबारी करके वे हमारी आवाज को दबाने करने की कोशिश कर रहे हैं।”