वराणसी के लिए एक तरह से एतिहासिक दिन होने वाल है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वराणसी पहुंच चुके है। अपने संसदीय क्षेत्र में 1800 करोड़ रुपए की परियोजनाओं का शिल्यान्यास करेंगे। वह देश के पहले रोप वे पब्लिक ट्रांसपोर्ट का भी उध्दघाटन करेंगे। वह काशीवासियों को विकास की 28 परियोजनाओं की सौगात देंगे इसमें 19 परियोजनाओं का लोकार्पण होगा।
पीएम आज यानी शुक्रवार सुबह 9बजकर 30 मिनट पर वाराणसी पहुंचे इससे पहले पीएम मोदी सड़क मार्ग से रुद्राक्ष कन्वेंशन और शिलान्यास करेंगे। पीएम के कार्यक्रम के लिए रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर का सभागार सुबह से ही खचाखच भरा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वागत के लिए सीएम योगी आदित्यनाथ बाबतपुर एयरपोर्ट पहुंचे। सीएम योगी के साथ उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल भी मौजूद रहीं।
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पीएम मोदी रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर पहुंचे गए हैं। अपने संसदीय क्षेत्र में पीएम मोदी तीन सड़क मार्ग से गुजरेंगे। पीएम की अगवानी और स्वागत के लिए काशी के लोग सड़क किनारे मौजूद रहेंगे। इस दौरान जगह-जगह शंखनाद और पुष्पवर्षा से पीएम का स्वागत होगा।
- केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने वन वर्ल्ड टीबी समिट को संबोधित किया। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री बोले- भारत में हर साल 24 लाख टीबी के केस पाए जाते हैं। पीएम मोदी ने देश और दुनिया के सामने 2025 के अंत तक भारत को टीबी मुक्त करने का संकल्प लिया है।
- वाराणसी के रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर में सीएम योगी ने वन वर्ल्ड टीबी समिट में अपना संबोधन दिया। सीएम ने कहा- प्रदेश में सरकार ने स्वास्थ्य के क्षेत्र में अच्छा काम किया है। यूपी में मृत्युदर में कमी आई है। पीएम मोदी के नेतृत्व में 2025 तक टीबी हारेगा और भारत जीतेगा। सीएम योगी ने कहा, पीएम मोदी काशी का प्रतिनिधित्व करते हैं और काशी के कायाकल्प को लेकर निरंतर संकल्पबद्ध हैं।
- PM मोदी ने बटन दबाकर राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र और उच्च रोकथाम प्रयोगशाला, वाराणसी शाखा का शिलान्यास किया। फिर अपना संबोधन शुरू किया। पीएम ने कहा-
एक देश के तौर पर भारत की विचारधारा का प्रतिबिंब वसुधैव कुटुंबकम् यानी ‘पूरी दुनिया एक परिवार है’ की भावना में झलकता है। ये प्राचीन विचार आज आधुनिक विश्व को एकीकृत दृष्टि और एकीकृत समाधान दे रहा है। इसलिए भारत ने G20 की भी थीम रखी है एक दुनिया एक परिवार एक भविष्य।
2014 के बाद से भारत ने जिस नई सोच और अप्रोच के साथ टीबी के खिलाफ काम करना शुरू किया, वो वाकई अभूतपूर्व है। भारत के ये प्रयास पूरे विश्व को इसलिए भी जानने चाहिए क्योंकि ये टीबी के खिलाफ वैश्विक लड़ाई का एक नया मॉडल है। बीते 9 वर्षों में भारत ने टीबी के खिलाफ लड़ाई में अनेक मोर्चो पर एक साथ काम किया है।
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