(अवैस उस्मानी): संविधान दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत एक वैश्विक शक्ति के रूप में आगे बढ़ रहा है, हमारा संविधान हमारी ताकत, पूरी दुनिया भारत की तरफ उम्मीदों के साथ देख रही है, संविधान दिवस के मौके पर सुप्रीम कोर्ट में आयोजित कार्यक्रम में पीएम मोदी ने यह बातें कही। समारोह के दौरान पीएम मोदी ने ई-कोर्ट परियोजना के तहत विभिन्न नई पहलों और वेबसाइट का उद्घाटन भी किया, कार्यक्रम के दौरान मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि भारत का संविधान सिर्फ कानून की नहीं बल्कि मानवीय संघर्ष और उत्थान की कथा भी कहता है, पिछड़े और समाज के हाशिए पर पड़े दलितों ने इसकी बुनियाद रखी है।
संविधान दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2008 के मुंबई आतंकवादी हमले को याद करते हुए कहा कि जब भारत कानून दिवस मना रहा था, आतंकवादियों – मानवता के दुश्मनों- ने भारत पर सबसे भयानक हमलों में से एक को अंजाम दिया, पीएम मोदी ने जान गंवाने वालों को श्रद्धांजलि दी। संविधान दिवस पर सुप्रीम कोर्ट में आयोजित समारोह में पीएम मोदी ने कहा कि 1949 में यह आज का ही दिन था जब स्वतंत्र भारत ने अपने लिए एक नई भविष्य की नींव डाली थी, इस बार का संविधान दिवस इसलिए भी विशेष है क्योंकि भारत ने अपने आज़ादी के 75 वर्ष पूरे कर अमृत महोत्वस मना रहा है। पीएम मोदी ने कहा कि लोगों ने तब आजादी के समय हमारी विफलता की आशंका जताई थी कि हम अपनी आजादी बरकरार नहीं रख पाएंगे लेकिन हम कामयाब हुए, इसकी बुनियाद संविधान है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महाभारत के एक श्लोक को उद्धृत करते हुए कहा कि लोकरंजन और लोक संरक्षण दोनो कार्य शासन के हैं, संविधान का आधार वाक्य हम भारत के लोग सिर्फ तीन शब्द नहीं बल्कि सारगर्भित दर्शन है, न्याय प्रक्रिया को अधिक सुविधाजनक बनाने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने और अधिक तेज कदम बढ़ाए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि 15 अगस्त को मैंने लाल किले से अपने भाषण में अपने कर्तव्यों पर जोर दिया, हमने अगले 50 साल के लिए योजना बनाई है, आजादी का अमृत काल कर्तव्य काल है, हम जल्द ही विकास के नए स्तर पर पहुंचेंगे, हम कई चुनौतियों का सामना कर रहे हैं, हमें जी-20 की अध्यक्षता मिलने जा रही है, यह एक बड़ी उपलब्धि है।
संविधान दिवस पर मुख्य न्यायाधीश जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि भारत का संविधान सिर्फ कानून की नहीं बल्कि मानवीय संघर्ष और उत्थान की कथा भी कहता है। पिछड़े और समाज के हाशिए पर पड़े दलितों ने इसकी बुनियाद रखी है। संविधान का निर्माण लगातार चलने वाली प्रक्रिया है। मुख्य न्यायधीश जास्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि यह आवश्यक है कि न्यायपालिका लोगों तक पहुंचे और लोगों से उस तक पहुंचने की अपेक्षा ना करे। कोरोना के दौरान हमने तकनीकी ढांचे को मजबूत कर जनता तक न्याय पहुंचाया। सभी हाईकोर्ट और जिला अदालतों से अनुरोध है कि इस ढांचे को खत्म करने की नहीं बल्कि आगे बढ़ाए रखने की जरूरत है, ताकि इसके जरिए हम सिस्टम को और सुविधाजनक बनाए रख सकें।
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मुख्य न्यायधीश जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि ब्रिटिश राज और उससे पहले के कोर्ट में नागरिकों के अधिकारों का हनन भी होता था। चीफ जस्टिस होने के नाते मेरा दायित्व है कि सुप्रीम कोर्ट में जजों के साथ और जिला स्तर पर न्यायपालिका के साथ मिलकर हाशिए पर मौजूद लोगों के लिए भी न्याय सुलभ कराने के इंतजाम करूं। संविधान दिवस के मौके पर पीएम मोदी ने वर्चुअल जस्टिस क्लॉक, डैश बोर्ड, जस्टिस मोबाइल एप सहित कई ऐप का उद्घाटन किया।