(प्रदीप कुमार): प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज 15 और कल 16 सितंबर को शंघाई सहयोग संगठन SCO शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए उज्बेकिस्तान में होंगे।यह शिखर सम्मेलन उज्बेकिस्तान के समरकंद में हो रहा है। उज्बेकिस्तान की अपनी यात्रा से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बयान जारी किया है।पीएमओ की ओर से जारी इस बयान में पीएम ने कहा कि मैं शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के राष्ट्राध्यक्षों की परिषद की बैठक में भाग लेने के लिए उज्बेकिस्तान के राष्ट्रपति शवकत मिर्जियोयेव के निमंत्रण पर समरकंद का दौरा करूंगा।
पीएम मोदी ने कहा कि एससीओ शिखर सम्मेलन में, ग्रुप के भीतर सामयिक मुद्दों, विस्तार और सहयोग को गहरा करने पर विचारों का आदान-प्रदान करने की आशा करता हूं। पीएम ने कहा कि मैं समरकंद में राष्ट्रपति मिर्जियोयेव से मिलने के लिए भी उत्सुक हूं। मैं 2018 में उनकी भारत यात्रा को याद करता हूं।उन्होंने 2019 में वाइब्रेंट गुजरात समिट में गेस्ट ऑफ ऑनर के रूप में भी शिरकत की।इसके अलावा, मैं शिखर सम्मेलन में भाग लेने वाले कुछ अन्य नेताओं के साथ द्विपक्षीय बैठकें करूंगा।
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इससे पहले पीएम मोदी की यात्रा को लेकर विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने भी बयान दिया।विदेश सचिव विनय मोहन क्वात्रा ने प्रेस कॉन्फ्रेस करते हुए बताया कि, इस सम्मेलन में क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर बातचीत होगी।इसके अलावा आतंकवाद से निपटने के उपायों को लेकर भी चर्चा होगी। एससीओ समिट के दौरान पीएम मोदी की मुलाकातों को लेकर विदेश सचिव ने बताया कि,इस दौरान पीएम मोदी की उज़्बेकिस्तान के राष्ट्रपति के साथ द्विपक्षीय बातचीत होगी।साथ ही अन्य नेताओं से भी पीएम मोदी की बातचीत होगी।
हालांकि विदेश सचिव की तरफ से ये नहीं बताया गया कि पीएम मोदी की मुलाकात शी जिनपिंग और पाक पीएम शहबाज शरीफ से होगी या नहीं।जब विदेश सचिव से पूछा गया कि क्या चीन के राष्ट्रपति के साथ पीएम मोदी की द्विपक्षीय मुलाकात होगी? इस पर उन्होंने जवाब देते हुए कहा कि, जैसा मैंने कहा मेज़बान देश के राष्ट्रपति के साथ मुलाकात समेत अन्य नेताओं से मिलेंगे।फिलहाल इससे अधिक हम कुछ भी कहना नहीं चाहेंगे, जैसे-जैसे कार्यक्रम आगे बढ़ेगा हम आपको सूचित करते रहेंगे। विदेश मंत्रालय की तरफ से बताया गया कि इस समिट के दौरान कारोबार और पर्यटन पर भी बातचीत होगी
पीएम मोदी और राष्ट्रपति पुतिन के बीच जी-20 और SCO को लेकर भी बड़ी चर्चा हो सकती है। इन दोनों संगठनों की अध्यक्षता अगले साल भारत को मिलने वाली है। ऐसे में दोनों नेताओं के बीच यह मुलाकात काफी अहम मानी जा रही है। यूक्रेन में रूस के आक्रमण के बाद पहली बार पुतिन और पीएम मोदी के बीच आमने-सामने बैठक होगी। बैठक में संयुक्त राष्ट्र में भारत और रूस के रिश्तों को लेकर भी बातचीत होगी। मॉस्को ने इसे लेकर संकेत भी दिए हैं। यूक्रेन युद्ध को लेकर भारत ने यूएन में रूस के खिलाफ अहम प्रस्तावों से दूरी बना ली थी। इसके अलावा SCO समिट में हिंद-प्रशांत क्षेत्र में स्थायित्व के मुद्दे पर भी चर्चा होने की उम्मीद है।