(सुनील जिंदल) : साइबर की बढ़ती घटनाओं को रोकने के लिए गोहाना में पुलिस द्वारा 30 दिवसीय जागरूकता अभियान शुरुआत की गई है। इस अभियान के दौरान साइबर ठगी की घटनाएं कैसे हो रही है और लोग इनसे कैसे बच सकते हैं, इसके बारे में लोगों को बताया जा रहा है। प्रतिदिन साइबर ठगी के एक-एक प्वाइंट के बारे लोगों को बताया गया ताकि ठगी की घटनाओं से बचा जा सके पुलिस की इस मुहिम से एक तरफ जहां अपराध पर अंकुश लगेगा वही आमजन भी जागरूक हो रहे हैं।
साइबर क्राइम पर अंकुश लगाने के लिए पुलिस अधीक्षक सोनीपत हिमांशु गर्ग के नेतृत्व में एक विशेष अभियान चलाया जा रहा है। जिसके माध्यम से पुलिस की टीमें सामुहिक स्थलों पर जाकर आमजनों को जागरूक कर रही है। इसी कड़ी में आज साइबर सेल सोनीपत के इंचार्ज सहायक उप निरीक्षक जोगिंदर सिंह व इंचार्ज ट्रैफिक पुलिस गोहाना उप निरीक्षक ईश्वर सिंह के नेतृत्व में बनाई गई टीम ने गोहाना शहर के मुख्य चौराहे फव्वारा चौक पर आने जाने वाले राहगीरों को साइबर अपराध से बचने के अनेक तरीके बताएं।
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जोगेंद्र सिंह ने आमजन को सम्बोधित करते हुए कहा कि आज देश मे जितना तेजी से डिजिटल लेन देन को बढ़ावा मिला है उतनी ही तेजी से ठगी के नए नए तरीके सामने आ रहे है । इनको सुलझा कर दोषियों को सजा दिलाना पुलिस के लिए बड़ी चुनोती हैं । खुद को ठगों से बचने के लिए जरूरी हैं जागरूकता व सतर्कता यदि आप स्मार्टफोन रखते है तो हम आपको कुछ ऐसे एप्लीकेशंस के बारे में बताएंगे जिनके माध्यम से ठग मिनटों में आपके खाते की रकम साफ कर रहे हैं। ठग बैंक या किसी अन्य विभाग के अधिकारी बनकर कॉल करते हैं व आपसे कोई ऐसी एप्लीकेशन डाउनलोड करने के लिए कहेंगे ऐप डाउनलोड होने के बाद वह आपसे आईडी व पासवर्ड पूछेंगे जो इन एप्लीकेशन में जरनेट होता है । जैसे ही आप आईडी ,पासवर्ड शेयर करते हैं आपका मोबाइल पर ठग का नियंत्रण हो जाएगा एप्लीकेशन मोबाइल एवं कंप्यूटर दोनों पर काम करता है । और यह एप्लीकेशन आपके मोबाइल में इंस्टॉल करा देते हैं तो इसका मतलब यह है कि आपने अपने मोबाइल का ऑपरेटिंग सिस्टम उसके हाथ में दे दिया आपके फोन का पर्सनल डाटा लेकर अन्य एप्लीकेशन का भी इस्तेमाल कर सकते हैं । इसलिए किसी की भी अपना ओटीपी न, न बताए। सस्ते लोन के चक्कर मे आकर किसी के झांसे में न आये ।