यमुनानगर(राहुल सहजवानी): हरियाणा में अब संस्कृत मॉडल स्कूल की देखरेख उच्च स्तर के अधिकारी करेंगे ताकि स्कूलों का रखरखाव सही ढंग से हो सके।
साथ ही परिवार पहचान पत्र के अधीन आने वाले गरीब बच्चों को संस्कृत मॉडल स्कूल में सरकार मुफ्त शिक्षा देगी । जगाधरी में अपने कार्यालय में पत्रकारों से रूबरू होते हुए शिक्षा मंत्री कवरपाल गुर्जर ने कहा कि संस्कृत मॉडल स्कूलों
के रखरखाव के लिए अब यह निर्णय लिया गया है कि हरियाणा के एचसीएस अधिकारी 1-1 स्कूल का रखरखाव करेंगे।
प्रत्येक जिले के वरिष्ठ अधिकारी जैसे एसडीएम, डीडीपीओ, तहसीलदार को कहा गया है कि 1-1 संस्कृत मॉडल स्कूल को गोद लें ताकि उनका रखरखाव सही ढंग से हो सके।
यमुनानगर जिले में भी 6 ऐसे स्कूल हैं और हरियाणा में पहले 22 स्कूल थे, लेकिन अब इनकी संख्या 136 हो चुकी है और जैसे कि एक टारगेट रखा गया है कि 2025 तक नई शिक्षा नीति को लागू किया जाएगा तो इसके लिए प्रयास किया जा रहा है कि एचसीएस अधिकारी अगर इन स्कूलों का रखरखाव करेंगे तो व्यवस्था ठीक से हो सकेगी।
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परिवार पहचान पत्र के जरिए सत्यापन गरीब बच्चों को अब मुफ्त शिक्षा संस्कृत मॉडल स्कूलों में प्रदान की जाएगी। शिक्षा मंत्री कंवरपाल गुर्जर ने बताया कि जिन लोगों की आमदन 1 लाख 80 हजार से कम है, उन परिवारों के बच्चों को मुफ्त शिक्षा दी जाएगी।
परिवार पहचान पत्र के द्वारा उसमें साफ पता चल जाता है कि किस आदमी की आमदन कितनी है और उसमें जिन की आमदन 1 लाख 80 हजार से कम है उन परिवारों के बच्चों को फीस में छूट दी जा रही है।
धान की फसल को लेकर मंत्री कंवरपाल गुर्जर ने कहा कि किसानों को धान की खरीद में किसी भी तरह की दिक्कत नहीं होने दी जाएगी।
उन्होंने कहा कि सरकार पिछले साल की तरह इस बार भी ज्यादा खरीद करवाएगी, किसानों को किसी भी प्रकार की कोई भी मुश्किल नहीं आने दी जाएगी।
गन्ने के भाव को लेकर कंवरपाल गुर्जर ने कहा के आज भी सभी राज्यों से ज्यादा हरियाणा में गन्ने का भाव दिया जा रहा है।
अगर पंजाब सरकार ने गन्ने का भाव ₹50 बढ़ाया है तो पंजाब में चुनाव आने वाले हैं इसलिए सरकार ज्यादा दमखम दिखाना चाहती है। लेकिन फिर भी हरियाणा में सब से ज्यादा गन्ने का मूल्य किसानों को दिया जा रहा है।
तीन कृषि कानूनों को लेकर किसानों ने 27 तारीख को भारत बंद का ऐलान किया है,इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कंवरपाल गुर्जर ने कहा कि लोकतंत्र में सभी को अपनी बात कहने का अधिकार है।
उन्होंने कहा कि अगर लोग बात से सहमत हैं तो वह बंद करना चाहे तो ठीक है लेकिन जोर जबरदस्ती किसी के साथ नहीं होनी चाहिए और ना ही किसी के साथ कोई ऐसा व्यवहार होना चाहिए जिससे कोई अशांति फैले।