वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में अंतरिम बजट पेश करने के बाद सोमवार को आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास और दूसरे अधिकारियों के साथ मीटिंग की।ये बैठक संसद में अंतरिम बजट पारित होने के कुछ दिनों बाद हुई है। आरबीआई ने वैश्विक अनिश्चितता और खुदरा मुद्रास्फीति यानी महंगाई को चार प्रतिशत तक लाने की जरूरत को देखते हुए लगातार छठी बार नीतिगत दर को अपरिवर्तित रखने का फैसला किया है।
रिज़र्व बैंक ने पिछले हफ्ते छठी बार मुख्य नीति दर को साढ़े छह प्रतिशत पर बरकरार रखा था। इससे आम लोगों और कॉर्पोरेट दोनों के लिए लोन की दरें काफी हद तक स्थिर रह सकती हैं। अगले वित्त वर्ष के लिए खुदरा मुद्रास्फीति का अनुमान घटाकर साढ़े चार प्रतिशत कर दिया गया है।
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रेपो रेट और शॉर्ट टर्म लोन की दरें पिछले एक साल से साढ़े छह प्रतिशत पर हैं। पिछले साल फरवरी में आरबीआई ने रेपो दर में बढ़ोतरी की थी और तब से नीतिगत दर बरकरार रखी है।