Rajya Sabha Election: BJP के टिकट बांटने के फॉर्मूले के निकाले जा रहे ये सियासी मायने

Rajya Sabha Election 2024-लोकसभा चुनाव में पीडीए के जारिए BJP को हराने का दावा कर रहे है समाजवादी पार्टी के प्रमुख नेता अखिलेश यादव के फॉमूले की काट बीजेपी ने दिखाई . पिछले वोट बैक को लेकर जब देशव्यापी बहस छिड़ी है.तब भाजपा ने यूपी में ओबीसी एजेंडे पर मजबूत कदम बढ़ाया और उत्तर प्रदेश से राज्यसभा के उम्मीदवारों में चयन करने में पिछड़ी जातियो को विशेष तरजीह दी है, राज्य से भाजपा के सात उम्मीदवारों में चार पिछड़ी जाति से हैं.

राज्यसभा चुनाव के लिए घोषित सात उम्मीदवारों में से आरपीएन सिंह (सैंथवार), चौधरी तेजवीर सिंह (जाट), अमरपाल मौर्य (कोइरी) और डॉक्टर संगीता बलवंत (बिंद) पिछड़ी जाति से हैं. इसके अलावा डॉक्टर सुधांशु त्रिवेदी (ब्राह्मण), साधना सिंह (क्षत्रिय) और नवीन जैन (जैन) बिरादरी से आते हैं.

4 सीटों पर पिछड़ी जातियों के उम्मीदवार

समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव अक्सर अपने भाषणों और बयानों में भाजपा सरकार पर पिछड़े, दलित और अल्पसंख्यक समाज के हितों पर कुठाराघात करने का आरोप लगाते हुए ‘पीडीए’ के दम पर आगामी लोकसभा चुनाव में भाजपा को हराने की बात कहते हैं. ऐसे में भाजपा द्वारा राज्यसभा चुनाव के लिये उत्तर प्रदेश से सात में से चार सीटों पर पिछड़ी जातियों के उम्मीदवार खड़े किये जाने के राजनीतिक मायने निकाले जा रहे हैं.

भाजपा द्वारा संसद के उच्च सदन के चुनाव के लिये उम्मीदवार बनाये गये कुशीनगर से पूर्व सांसद और देश के पूर्व गृह राज्य मंत्री आरपीएन सिंह वर्ष 1996, 2002 और 2007 में उत्तर प्रदेश की पडरौना सीट से विधायक रहे. वर्ष 2022 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस छोड़कर भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए 59 वर्षीय आरपीएन सिंह को पार्टी ने राज्यसभा चुनाव के लिए उम्मीदवार बनाया है.

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सपा नेता की हुई थी हार
स्वामी प्रसाद मौर्य पिछड़ी जाति के बड़े नेता माने जाते हैं और राज्य विधानसभा चुनाव से पहले उनका सपा में चला जाना भाजपा के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा था. मौर्य ने कुशीनगर की फाजिलनगर सीट से चुनाव लड़ा था. ऐसे में इस सीट पर चुनाव भाजपा के लिए भी प्रतिष्ठा का सवाल था हालांकि इस सीट पर मौर्य को पराजय का सामना करना पड़ा था और इसका श्रेय कुशीनगर में असरदार माने जाने वाले आरपीएन सिंह को भी दिया जाता है.

केशव प्रसाद मौर्य के करीबी

पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी को ही राज्यसभा के लिए ब्राह्मण चेहरे के रूप में दोबारा टिकट दिया गया है। सुधांशु को रक्षामंत्री राजनाथ सिंह का भी करीबी कहा जा रहा है.आपको बता दे कि चंदौली के मुगलसराय विधानसभा क्षेत्र की पूर्व विधायक साधना सिंह क्षत्रिय समाज से आती हैं। वे 2017 में विधायक बनी थीं। मगर 2022 में उनका टिकट कट गया था।

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