(यूपी): पोस्टर विवाद से जुडी खबरों ने लगातार जैसे ट्रेंड पकड़ लिया है। बीते दिनों कनाडा में माँ काली के पोस्टर पर छिड़ा विवाद लोगो के जहन से उतरा नहीं है। वहीं दूसरी तरफ वाराणसी में भी पोस्टर को लेकर घमासान मचा हुआ है । इस बार मामला वाराणसी का है। बता दें वाराणसी में मॉडल और यूट्यूबर ममता राय के पोस्टर का जमकर विरोध किया जा रहा है। हालांकि इससे पहले कनाडा माँ काली के पोस्टर को लेकर बताया जा रहा था कि इस तरह के स्टंट फिल्मो और गानो को ट्रेंड में लाने के लिए किये जाते है। जिसमे किसी धर्म समुदाय की भावनाओं को ठेस पहुंचा कर उन्हें विरोध करने पर मजबूर किया जाता है। जिसके जरिए निर्माता अपना फायदा कमा पाए।
वाराणसी में मॉडल ममता राय ने बीते दिनों एक स्वागत पोस्टर अपने इंस्टा अकाउंट पर पोस्ट किया था। साथ ही उनका पोस्टर बनारस की गलियों में जगह -जगह पर लगा हुआ है। पोस्टर पर ममता राय की फोटो है। सबसे ऊपर लिखा है सावन के इस महापर्व पर बाबा विश्वनाथ की नगरी में आप सभी का स्वागत है। “मैं काशी हूँ ममता राय” और पोस्टर पर शिवलिंग का चित्र बनाया गया है। पोस्टर पर लिखी लाइन ” मैं काशी हूँ ममता राय ” विवादों का असली कारण है। हालांकि विवाद बढ़ता जा रहा है। जगह -जगह पर लगे पोस्टर को देखकर घमासान छिड़ गया है। ममता पर बड़े आरोप लगने लगे हैं।
अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा के युवा सड़कों पर लगे पोस्टर का विरोध कर रहें है। अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा युवा के राष्ट्रीय संगठन मंत्री विक्रांत सिंह का कहना है। ममता राय वाराणसी में किसी दूसरे शहर से आकर बसी हैं। उन्हें यहां की परमम्परा का कुछ पता नहीं है वाराणसी की सभ्यता और संस्कृति के बारे में वो कुछ नहीं जानती है। उन्होंने बिना कुछ जाने ये पोस्टर पूरे शहर में लगवा दिए। काशी एक धार्मिक नगरी हैं। उनकी ऐसी तस्वीरें एक सभ्य समाज के लिए शर्मशार करने देने वाली है। संगठन का कहना है कोई खुद को काशी कैसे कह सकता है।
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हालांकि मामले को लेकर ममता राय ने कहा है ये सिर्फ एक स्वागत पोस्टर था। पोस्टर में कुछ भी आपत्तिजनक नहीं है। खुद को काशी से जोड़ना कबसे गुनाह हो गया। मुझपर गलत आरोप लगाए जा रहें है।