Depression: लोगों को अक्सर ये कहते हुए सुना होगा कि मैं डिप्रेशन (Depression) में चला गया। लेकिन डिप्रेशन भी कई प्रकार के होते हैं। उनमें से एक होता है पोस्टपार्टम डिप्रेशन, पोस्टपार्टम शब्द सुनने में थोड़ा अजिब लग रहा होगा और प्रश्न भी आपके मन में उठ रहे होंगे कि आखिर ये कौन सा डिप्रेशन होता है। आइए इसके बारे में आपको विस्तार से बताते हैं।
Read Also: IPL 2024: सनराइजर्स हैदराबाद से दिल्ली कैपिटल्स की शनिवार को टक्कर, डेविड वॉर्नर ने जमकर की प्रैक्टिस
डिप्रेशन कितने प्रकार के होते हैं?
दरअसल, डिप्रेशन के कई प्रकार होते हैं, जैसे- मेजर डिप्रेशन, मेलानकॉलिक डिप्रेशन, पर्सिस्टेंट डिप्रेसिव डिसऑर्डर, बाइपोलर डिसऑर्डर, सीजनल अफेक्टिव डिसऑर्डर, साइकोटिक डिप्रेशन साइकोटिक डिप्रेशन, पोस्टपार्टम डिप्रेशन या पोस्ट डिलीवरी डिप्रेशन, आज हम चर्चा करने वाले हैं पोस्टपार्टम डिप्रेशन के बारे में जिसे डिलीवरी डिप्रेशन भी कहा जाता है।
किस कारण होता है पोस्टपार्टम डिप्रेशन ?
बता दें, डिलीवरी डिप्रेशन या पोस्टपार्टम डिप्रेशन, डिलीवरी के बाद महिलाओं में होने वाला डिप्रेशन होता है। यह महिलाओं को उनके डिलीवरी के बाद होने वाला एक मेंटल हेल्थ समस्या होता है। बच्चे के जन्म के बाद महिलाओं के शरीर में कई बदलाव होते हैं, जिसकी वजह से उनके शरीर में ये समस्या होने की संभावनाएं बढ़ जाती हैं। एक रिपोर्ट में पाया गया है कि आजकल इस प्रकार के डिप्रेसन क समस्या महिलाओं में तेजी से बढ़ रहा है। महिलाओं में ये समस्या सहीं आहार न लेने, नींद न पूरा होना, थायरॉइड हार्मोन का लेवल कम होने से होते हैं साथ ही प्रेगनेंशी के बाद महिलाओं के शरीर में हार्मोनल बदलाव के कारण बी ये समस्या होती है। इसमें महिलाओं के सोचने, समझने और काम करने की क्षमता पर बुरा प्रभाव पड़ता है।
Read Also: Weather Update: गर्मी ने तोड़े सारे रिकॉर्ड, पारा पहुंचा 40 के पार..
पोस्टपार्टम डिप्रेशन के लक्षण
इस डिप्रेशन के लक्षण की बात करें तो इसमें- महिलाओं को जरूरत से ज्यादा मूडी या चिड़चिड़ापन होने लगता है। किसी काम में ध्यान एकाग्र नहीं हो पाता, शरीर के दर्द और आराम के बाद भी थकान महसूस होता है। भूख की कमी या अधिकतागर्भावस्था के बाद अपने शरीर को नियंत्रित करने में महिलाएं असमर्थ होने लगती है। इसके साथ ही बेवजह रोने और दूसरों से दूर रहना, अपने बच्चे की जरूरतों से ज्यादा चिंता करना या बिल्कुल ध्यान नहीं देना जैसे लक्षण शामिल हैं।
बचने के लिए क्या करें ?
इससे बचने के लिए हर दिन 10 मिनट व्यायाम करें। काम करने के दौरान आप पैदल चल सकते हैं। प्रसव के बाद पोषक तत्वों से भरपूर खाना खाएं, क्योंकि यह पोस्टपार्टम डिप्रेशन को कम करने में मदद करता है। बच्चे की देखभाल के साथ-साथ खुद को भी समय दें। आप मेडिटेशन कर सकते हैं या फिर अपनी मनपसंद फिल्म देख सकते हैं। महिलाएं अक्सर डिलीवरी के बाद पूरी नींद नहीं लेती हैं, जो पोस्टपार्टम डिप्रेशन का सबसे बड़ा कारण है। यही कारण है कि जब बच्चा सो जाए तो आप भी सोने की कोशिश करें। अकेलापन भी पोस्टपार्टम डिप्रेशन हो सकता है, ज्यादा से ज्यादा अपने परिवार के साथ रहने की कोशिश करें।