MCD Mayor Election: दिल्ली में नई सरकार बनने के बाद अब एमसीडी यानी दिल्ली नगर निगम में भी भारतीय जनता पार्टी का परचम लहराना तय हो गया है। इस बार आम आदमी पार्टी ने मेयर और डिप्टी मेयर चुनाव से खुद को अलग कर लिया है। बहुमत नहीं होने के डर से पार्टी ने चुनाव नहीं लड़ने का ऐलान किया है, जिसके बाद बीजेपी उम्मीदवारों की जीत लगभग तय मानी जा रही है।
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सोमवार को मेयर और डिप्टी मेयर पद के लिए नामांकन भरने का अंतिम दिन था। इस मौके पर बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने एमसीडी में नेता विपक्ष सरदार राजा इकबाल सिंह को मेयर पद के लिए प्रत्याशी घोषित किया, जबकि डिप्टी मेयर पद के लिए पार्टी ने पार्षद जयभगवान यादव को मैदान में उतारा।
राजा इकबाल सिंह पहले भी उत्तरी दिल्ली नगर निगम में मेयर रह चुके हैं। सोमवार को दोनों ने निगम कार्यालय पहुंचकर अपना नामांकन दाखिल किया। इस मौके पर केंद्रीय राज्य मंत्री हर्ष मल्होत्रा, सांसद योगेश चंदोलिया, सांसद कमलजीत सेहरावत, शाहदरा साउथ ज़ोन के अध्यक्ष संदीप कपूर समेत कई भाजपा पार्षद मौजूद रहे।
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जहां आम आदमी पार्टी चुनाव से बाहर हो चुकी है, वहीं कांग्रेस ने मेयर और डिप्टी मेयर पद के लिए अपने उम्मीदवार मैदान में उतार दिए हैं। कांग्रेस से मेयर पद के लिए मनदीप सिंह और डिप्टी मेयर पद के लिए आरिबा ने नामांकन दाखिल किया है। हालांकि आंकड़ों की बात करें तो बीजेपी के पास अब भी स्पष्ट बहुमत है। मेयर चुनाव में सिर्फ निगम पार्षद ही नहीं बल्कि दिल्ली के सांसद और विधायक भी वोट डालते हैं। इस बार दिल्ली विधानसभा के अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता ने कुल 14 विधायकों के नाम घोषित किए, जिनमें से 11 बीजेपी और 3 आम आदमी पार्टी के विधायक हैं।
इस समय बीजेपी के पास कुल 135 वोट हैं, जबकि आम आदमी पार्टी के पास 119 वोट और कांग्रेस के पास सिर्फ 8 पार्षद हैं। एमसीडी की 12 सीटें फिलहाल खाली हैं, क्योंकि 11 पार्षद विधायक बन चुके हैं और एक सांसद चुना गया है। दिल्ली नगर निगम में इस बार भले ही आम आदमी पार्टी चुनावी मैदान से हट चुकी हो, लेकिन कांग्रेस के मैदान में उतरने से मुकाबला नाम मात्र का रह गया है। फिर भी आंकड़ों की गणित में बीजेपी की जीत लगभग तय है। अब सभी की निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि क्या बीजेपी पुराने रिकॉर्ड को दोहराते हुए नगर निगम की जिम्मेदारी को एक बार फिर सफलतापूर्वक निभा पाएगी।
