Ram Nath Kovind : बलिदानी संतो और सैनिकों को समर्पित विश्व के प्रथम राष्ट्र मंदिर – विश्व रामायण आश्रम उस समय ऐतिहासिक क्षण का साक्षी बना, जब भारत के पूर्व राष्ट्रपति माननीय रामनाथ कोविंद जी ने पितृपक्ष में राष्ट्र मंदिर पहुंचकर बलिदानी संतो सैनिकों और वीर-वीरांगनाओं के प्रति कृतज्ञतापूर्ण श्रद्धा सुमन अर्पित किए।
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इस अनुकरणीय पहल ने राष्ट्र के परिप्रेक्ष्य में पितृपक्ष का महत्व उद्घोषित किया है। उन्होंने राष्ट्र मंदिर स्थित श्रीराम मंदिर में राष्ट्र के मंगल हेतु पूजा-अर्चना कर भारत के प्रथम शिवलिंग ‘मुनेश्वर’ का पुष्प अभिषेक भी किया। राष्ट्र मंदिर के संस्थापक अजय भाई जी ने कहा कि “धर्म और आध्यात्म का राष्ट्रवाद से अटूट संबंध और विशेष महत्व है। हमारे देश की विशेषता यह है कि हम विकास करते हुए भी विरासत को नहीं भूलते।
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कार्यक्रम में समाजसेवी सत्य भूषण जैन, वी पी टंडन, राजेश अग्रवाल, एस के तिजारावाला, ईक्रांत शर्मा, मुकेश गुप्ता, हंस राज रेहलन,संजीव गुप्ता, के एम गुप्ता, प्रवीण शर्मा संतोष जैन राजू कश्यप सहित अनेक गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति रही। राष्ट्र मंदिर इसी दिशा में निरंतर सांस्कृतिक एवं आध्यात्मिक कार्यक्रमों द्वारा युवाओं में आध्यात्मिक राष्ट्रवाद के संचार हेतु निरंतर कार्य कर रहा है।
