अमन पांडेय : तेज बुखार और लंबे वक्त से खांसी से परेशान हैं तो सतर्क हो जाइए। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) ने पुष्टि की है कि देश में तेज बुखार और खांसी का मौजूदा प्रकोप इन्फ्लूएंजा ए के एच3एन2 वायरस (H3N2 Virus) के कारण है। आईसीएमआर के अनुसार, H3N2 अन्य वायरस की तुलना में ज्यादा प्रभावी है। इससे पीड़ित लोग तेजी से अस्पताल में भर्ती हो रहे हैं। ICMR देश भर में अपने वायरस रिसर्च एंड डायग्नोस्टिक लेबोरेटरीज (VRDLs) के नेटवर्क के जरिए वायरस से होने वाली बीमारियों पर निरंतर नजर बनाए रखता है।
आईसीएमआर में महामारी विज्ञान की प्रमुख डॉ. निवेदिता गुप्ता ने हमाारे सहयोगी संस्थान टीओआई को बताया कि बीते साल 15 दिसंबर से अब 30 वीआरडीएलएस के डेटा ने इन्फ्लूएंजा ए एच3एन2 के मामलों की संख्या में बढ़ोतरी का सुझाव दिया है। डॉ गुप्ता ने कहा कि मार्च के आखिर या अप्रैल के पहले हफ्ते से वायरस का असर कम होने के आसार हैं, क्योंकि तापमान बढ़ना शुरू हो जाता है। एक्सपर्ट के अनुसार, वायरस से पीड़ित पेशंट्स को एंटिबायटिक के ज्यादा इस्तेमाल से बचना चाहिए और डॉक्टर के संपर्क में रहना बेहद जरूरी है।
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क्या है लक्षण
ICMR के मुताबिक, अस्पताल में भर्ती H3N2 वाले मरीजों में 92% मरीजों में बुखार, 86% को खांसी, 27% को सांस फूलना, 16% को घरघराहट की समस्या थी। इसके अतिरिक्त, ICMR निगरानी में पाया गया कि ऐसे 16% रोगियों को निमोनिया था और 6% को दौरे पड़ते थे। आईसीएमआर के अनुसार,’H3N2 वायरस से पीड़ित गंभीर पेशंट्स में से लगभग 10% रोगियों को ऑक्सीजन की आवश्यकता होती है और 7% को ICU देखभाल की आवश्यकता होती है।
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