रॉबर्ट प्रीवोस्ट नए पोप बने हैं। वह लियो 14वें के नाम से जाने जाएंगे। अपना पूरा जीवन पेरू में सेवा करते हुए बिताने वाले रॉबर्ट प्रीवोस्ट ने वेटिकन के बिशप के प्रभावशाली दायित्व को संभाल लिया है।
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आपको बता दें, कैथोलिक चर्च के दो हजार साल के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ जब अमेरिका से पोप चुने गए। ऑगस्टीनियन धार्मिक आदेश के सदस्य प्रीवोस्ट (69) ने अपना नाम लियो 14 रख लिया। पोप फ्रांसिस के उत्तराधिकारी के रूप में सेंट पीटर्स बेसिलिका के बरामदे से बोलते हुए अपने पहले संबोधन में लियो ने कहा, ‘शांति आपके साथ हो’।
उन्होंने शांति, संवाद और धर्म प्रचार के संदेश पर जोर दिया। उन्होंने पोप पद की पारंपरिक लाल टोपी पहनी थी। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि नए पोप का अमेरिकी होना ‘हमारे देश के लिए बहुत सम्मान की बात है’। उन्होंने कहा, ‘‘इससे बड़ा सम्मान और क्या हो सकता है।’’
राष्ट्रपति ने कहा कि ‘हम हैरानी में पड़ गए और हम खुश भी हैं।’ लियो नाम अपनाने वाले आखिरी पोप लियो 14 थे, जो एक इतालवी थे और जिन्होंने 1878 से 1903 तक चर्च का नेतृत्व किया। रोम में छुट्टियां मना रहे अमेरिकी लोग वेटिकन का दौरा करने और इतिहास का हिस्सा बनकर बेहद खुश दिखे।
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रॉबर्ट प्रीवोस्ट को एक खास प्रक्रिया के बाद नया पोप चुना गया। पोप फ्रांसिस के उत्तराधिकारी के लिए ये जरूरी था कि उसे पोप का चयन करने के लिए आयोजित कॉन्क्लेव में हिस्सा लेने वाले 133 कार्डिनल में से आवश्यक दो-तिहाई या कम से कम 89 मत मिलें।
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