केंद्र सरकार द्वारा लायी गयी अग्निपथ योजना को लेकर राजनीतिक सियासत गर्म हो गयी है। नेताओं में इस योजना को लेकर बहसबाजी खत्म होने का नाम ही नहीं ले रही है। तो वहीं बीजेपी के सोशल मीडिया सेल के प्रमुख अमित मालवीय और संबित पात्रा ने भी विपक्ष के बयान को लेकर उनपर पर पलटवार किया है।
दरअसल, आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने इस योजना के तहत भर्ती में जाति प्रमाण पत्र और धर्म प्रमाण पत्र मांगे जाने पर सवाल उठाते हुए सरकार को घेरा है। इस मामले में सेना की ओर से सफाई में कहा गया है कि ऐसा पहले भी सभी सेना भर्ती में होता था। अभ्यर्थियों को अपना जाति प्रमाण पत्र और धर्म प्रमाण पत्र देना होता था। ऐसा सिर्फ अग्निपथ योजना को लेकर ही नहीं किया गया है।
तो वहीं अग्निपथ योजना को लेकर बीजेपी ने भी विपक्ष पर हमला बोला है। संजय सिंह की इस टिप्पणी के बाद बीजेपी के सोशल मीडिया सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने ट्वीट करके कहा है कि 2013 में भारतीय सेना की ओर से सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनामा देकर यह स्पष्ट किया गया था कि उसकी ओर से जाति, धर्म और क्षेत्र के आधार पर कोई भर्ती नहीं की जाती है। उन्होंने कहा कि सेना ने यह भी जानकारी दी थी कि किसी भी रेजीमेंट में किसी एक क्षेत्र के अधिक लोगों को रखना प्रशासनिक सहूलियत और काम की जरूरत की वजह से किया जाता है।
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बीजेपी नेता संबित पात्रा ने भी आज बीजेपी के प्रेस कॉन्फ्रेंस में विपक्ष पर पलटवार करते हुए कहा है की सेना में सियासत नहीं होनी चाहिए। देश के किसी भी व्यक्ति के मन में देश की सेना को लेकर कोई संदेह नहीं होना चाहिए। संबित पात्रा ने ये भी कहा देश के लोगों को अपनी ही आर्मी के खिलाफ भड़काने का काम सिर्फ AAP पार्टी के नेता और कुछ राजनीतिक दल सिर्फ अपने स्वार्थ के लिए करते है। लेकिन हिंदुस्तान की जनता किसी के स्वार्थ में नहीं पड़ने वाली उन्हें अपने देश की सेना पर पूर्ण विश्वास है।
ध्यान रहे की, आज सुप्रीम कोर्ट में अग्निपथ योजना के खिलाफ दायर याचिका की सुनवाई हुई जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है की इस मामले से सम्बंधित अन्य हाई कोर्ट में दायर याचिकाओं को दिल्ली हाईकोर्ट में ट्रांसफर कराकर सभी याचिकाओं पर सुनवाई की जाए। यह जरूरी नहीं की सभी मामलों की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में ही की जाए। सुप्रीम कोर्ट अग्निपथ योजना से सम्बंधित देशभर में लंबित मामलों को एकसाथ सुनवाई के लिए ट्रांसफर करेगा। दरअसल, दिल्ली, केरल, पटना, पंजाब- हरियाणा, उत्तराखंड, कोच्चि हाईकोर्ट में अग्निपथ योजना के खिलाफ मामले लंबित हैं।