सरदार पटेल की जयंती के मौके पर अमित शाह ने कहा कि बिना सरदार पटेल के अखंड भारत की कल्पना नहीं

(प्रदीप कुमार): सरदार पटेल की जयंती के मौके पर गृहमंत्री अमित शाह आज दिल्ली स्थित सरदार पटेल स्कूल में आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अथिति के तौर पर शामिल हुए। गृहमंत्री शाह ने कहा कि बिना सरदार पटेल के अखंड भारत की कल्पना नहीं की जा सकती।

सरदार पटेल की 147वीं जयंती के मौके पर गृहमंत्री अमित शाह दिल्ली स्थित सरदार पटेल स्कूल में आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अथिति के तौर पर शामिल हुए। यहा गृहमंत्री अमित शाह ने गुजरात के मोरबी में पुल टूटने के हादसे में जान गवाने वाले लोगों को श्रद्धांजलि दी।

अपने संबोधन के दौरान गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि ‘सरदार सरीखे बहुत कम लोग ऐसे होंगे जिन्होंने अपनी प्रसिद्धी के लिए काम नहीं किया। आंदोलन के साथ लोगों का जुड़ाव चाहिए और सरदार ने ऐसा किया। सरदार ने अपने लिए कुछ नहीं किया। सरदार को भारत रत्न मिलने, उनका स्मारक बनने और उनके विचारों को संकलित करने में कई साल लग गए। सरदार अमर हैं।

गृहमंत्री अमित शाह ने आगे कहा कि जब तक सरदार को नहीं मानोगे तब तक उनको समझ नहीं पाओगे।बिना सरदार पटेल के अखंड भारत की कल्पना नहीं की जा सकती।गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि देश का पीएम बनने के लिए सबसे ज्यादा वोट कांग्रेस वर्किंग कमेटी में उस वक्त सरदार को मिले थे लेकिन उन्होने ये त्याग किया और देश के लिए काम किया।

गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि‘मैं खुद भी एक रियासत से संबंध रखता हूं, हमारे रियासत का भारत में विलीनीकरण करने का समय सरदार पटेल ने रात के 4.30 बजे का दिया था,इससे आप समझ सकते हैं कि जिस व्यक्ति का फेफड़ा भी ठीक से काम नहीं कर रहा था वो देश के लिए कैसे जीता था। गृहमंत्री अमित शाह ने आगे कहा कि अंबेडकर के प्रति सरदार का योगदान बहुत था.. यही बात भारत के संविधान को लेकर है जिसको लेकर सरदार ने बहुत कुछ किया.. बच्चों को संविधान समझना है तो मुंशी, अंबेडकर और सरदार को पढ़ें।

गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि भारत में लोकतंत्र की जड़ें बहुत गहरी हैं 75 साल में बहुत काम किया गया है, भारत की सीमा और सुरक्षा बहुत मजबूत हुई है.. कोई आंख नही दिखा सकता। गृहमंत्री ने कहा कि बच्चे यानी युवा पीढ़ी ये समझे कि आजादी कितनी मुश्किल से मिली है देश के लिए जीना पड़ेगा।संकल्प करना है कि देश को कैसे आगे बढ़ाना है। गृहमंत्री ने कहा कि सरदार आज़ादी के सेना नायक तो थे ही इसके अलावा जमीनी समस्याओं के निवारण का भी सामर्थ्य था। आज भारत का नक्शा जो आप को दिखता है अगर सरदार ना होते तो भारत का नक्शा ऐसा नहीं होता।

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गृहमंत्री ने कहा कि 75 साल की आज़ादी की यात्रा बहुत कठिन रही। आतंक से लेकर दुश्मन के हमले को देखा है। आर्थिक चुनौती को देखा है। आज हमें तय करना होगा कि जब देश आजादी का शताब्दी मनाएगा तो देश उस समय कहाँ होगा।

अपने संबोधन में गृहमंत्री अमित शाह ने मातृभाषा को अपनाने बढ़ाने पर जोर दिया।गृहमंत्री ने कहा कि हर भाषा को जिन्दा रखना है भारत में अपनी भाषा को जिन्दा रखना चाहिए.. दूसरी भाषा नहीं थोपने देना चाहिए।बच्चों के साथ शिक्षक मातृभाषा में बात करें.. भाषा नहीं टूटनी चाहिए। अगर हम ये सोचते है कि अंग्रेजी में ही बात करना अच्छा है तो ये गलत है क्योंकि सिर्फ 5 फीसदी ही अंग्रेजी समझते हैं.. 95 फीसदी हिन्दी समझते हैं.. 7 भाषाओं को यहां पढ़ाया जाता है ये बहुत अच्छी बात है। रिसर्च, टेक्निकल, एजुकेशन स्थानीय भाषा में ही होना चाहिए

अपने संबोधन में सरदार पटेल के विजन को लेकर गृहमंत्री अमित शाह ने अमूल डेयरी का जिक्र किया।आज अमूल का मुनाफा हर साल 60 हज़ार करोड़ है ये काम सरदार का ही है। उन्होंने सहकारिता आंदोलन शुरू करने का कहा था।

इनसे पहले नेशनल स्टेडियम में सरदार पटेल की जयंती के मौके पर आयोजित एकता दौड़ को हरी झंडी दिखाकर रवाना करने के मौके पर गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि सरदार पटेल ने आजादी के बाद आधुनिक भारत की नींव रखी और अपना सारा जीवन देश की एकता अखंडता बनाए रखने के लिए समर्पित कर दिया। उनका नाम सामने आते ही आज के भारत का मानचित्र नजरों के सामने आ जाता है। उनकी विलक्षण राजनीतिक और दृढ़ इरादों का ही परिणाम है कि भारत आजादी के बाद एकता के सूत्र में बंधा है।

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