गाड़ियों के स्क्रैपिंग सर्टिफिकेट को अब ऑनलाइन खरीदा या बेचा भी जा सकता है

Scrappage Policy: केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा हमने ये स्क्रैपिंग पॉलिसी लॉन्च की है और ये बहुत उपयोगी है, ये हर किसी के लिए फायदेमंद है। भारत में एक पुराने ट्रक से होने वाला प्रदूषण 50 नये ट्रकों के बराबर है।भारत सरकार की तरफ से स्पष्ट दिशानिर्देश हैं कि जो लोग रजिस्टर्ड व्हीकल स्क्रैप फैसलिटी के माध्यम से अपनी पुरानी गाड़ियों, जिनकी उम्र पूरी हो चुकी है, को स्क्रैप करते हैं, तो उन्हें गाड़ी जमा करने का सर्टिफिकेट दिया जाएगा। ये सर्टिफिकेट नई गाड़ी खरीदने में कई तरह के फायदे देता है, जैसे रोड टैक्स पर 25 प्रतिशत की छूट, रजिस्ट्रेशन फीस माफ और भी कई छूट हैं।

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पुरानी गाड़ियों को स्क्रैप करना अब फायदेमंद हो सकता है, क्योंकि स्क्रैपिंग के समय जारी होने वाले सर्टिफिकेट का अब ऑनलाइन खरीदा या बेचा भी जा सकता है।परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने सोमवार को डिजिटल प्लेटफॉर्म डिजी-ईएलवी लॉन्च किया, जो स्क्रैप की गई गाड़ियों के सर्टिफिकेट को खरीदने-बेचने की सुविधा देगा।2022 में राष्ट्रीय वाहन स्क्रैप नीति लागू होने के बाद, अधिकृत स्क्रैपिंग सेंटर, गाड़ियों की स्क्रैप कीमत के अलावा एक सर्टिफिकेट भी देते हैं।

वाहन पोर्टल से जारी पुरानी गाड़ी का स्क्रैप सर्टिफिकेट दिखाकर, खरीदार नई गाड़ियों पर 15 से 25 प्रतिशत की छूट पा सकते हैं। इसके अलावा नई गाड़ियों के रजिस्ट्रेशन शुल्क पर 100 प्रतिशत की छूट भी पा सकते हैं।अब तक ये स्क्रैपिंग सर्टिफिकेट उन लोगों के लिए किसी काम का नहीं था, जो पुरानी गाड़ी को स्क्रैप कराने के बाद भी कोई नई गाड़ी खरीदने की योजना नहीं बना रहे हैं।ऐसे अनयूज्ड स्क्रैपिंग सर्टिफिकेट को अब डिजिटल प्लेटफॉर्म डिजी-ईएलवी पर बेचा या खरीदा जा सकता है।सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय से उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, देश में 40 रजिटर्ड स्क्रैप सेंटर हैं, जहां पिछले दो सालों में लगभग 23,000 वाहन स्क्रैप किए गए हैं।सोमवार को लॉन्च की गई नई पहल का मकसद गाड़ी मालिकों को उनके स्क्रैप वाहन की अच्छी कीमत देने में मदद करना है। साथ ही इसके जरिए गाड़ियों के कानूनी और पर्यावरण अनुकूल स्क्रैपिंग को प्रोत्साहित करना है।

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