Tirupati Laddu Controversy: उत्तराखंड में ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने तिरुमाला मंदिर के लड्डू में कथित तौर पर पशु चर्बी मिलाए जाने को ‘हिंदू समुदाय के खिलाफ संगठित अपराध’ बताया है।उन्होंने आरोपितों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की।मंगलवार को शंकराचार्य ने लड्डू उस समय को याद किया जब मंगल पांडेय को मुंह से कारतूस खोलने को कहा गया था, जिसमें पशु की चर्बी थी। इसके बाद भारत में क्रांति (1857 का स्वतंत्रता संग्राम) की शुरुआत हुई थी।
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उन्होंने इस घटना का जिक्र करते हुए कहा ये कोई छोटी घटना नहीं है ये बड़ा अपराध है। ये हिंदू समुदाय के साथ विश्वासघात है।उन्होने चार-पांच दिन बीत जाने के बाद भी कार्रवाई नहीं किए जाने को लेकर सवाल उठाए।शंकराचार्य ने कहा कि इस मामले में जांच में देरी होगी और फिर दूसरे मुद्दे इस पर हावी हो जाएंगे।
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उप-मुख्यमंत्री ने दिया बड़ा बयान –आंध्र प्रदेश के उप-मुख्यमंत्री पवन कल्याण ने सोमवार को कहा कि अगर तिरुपति लड्डू मामले में राज्य पुलिस की जांच में खामियां पाई गईं तो ही मामले को सीबीआई को सौंपा जाएगा।उन्होंने कहा, “(तिरुपति लड्डू में मिलावट) की जांच सीबीआई को सौंपने की मांग की जा रही है, लेकिन हर राज्य के पास जांच करने के लिए अपनी खुद की पुलिस है। अगर जांच के नतीजे संतोषजनक नहीं हैं, तो वे सीबीआई से संपर्क कर सकते हैं।
पूर्व CM ने दी ये सफाई – आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी ने शुक्रवार को सत्तारूढ़ टीडीपी के उस आरोप का खंडन किया कि उनके कार्यकाल में तिरुपति मंदिर के लड्डूओं में जानवरों की चर्बी का इस्तेमाल किया जाता था। उन्होंने इन आरोपों को ‘घटिया’ राजनीति का उदाहरण बताया।