( प्रदीप कुमार )- Mallikarjun Kharge: कांग्रेस अध्यक्ष और राज्यसभा में नेता विपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने आज केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के उस पत्र का जवाब दिया है, जिसमें उन्होंने मणिपुर मुद्दे पर चर्चा के लिए संसद में सहयोग मांगा था। Mallikarjun Kharge..
कांग्रेस अध्यक्ष ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के पत्र का दिया ये जवाब
गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर तंज कसते हुए मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा है कि केंद्र सरकार की कथनी और करनी में जमीन आसमान का अंतर है। पीएम मोदी विपक्ष को अंग्रेज शासकों व आतंकवादी संगठन से जोड़ते हैं और उसी दिन गृह मंत्री विपक्ष को पत्र लिखकर सहयोग भी मांगते हैं।
खड़गे ने गृह मंत्री को पत्र लिखकर कहा कि सत्ता पक्ष और विपक्ष में समन्वय का अभाव वर्षों से दिख रहा था, अब यह खाई सत्तापक्ष के अंदर भी दिखने लगी है। इस पर प्रधानमंत्री द्वारा विपक्षी दलों को दिशाहीन बताना बेतुका ही नहीं बल्कि दुर्भाग्यपूर्ण भी है। प्रधानमंत्री जी से हम सदन में आकर मणिपुर पर बयान देने का आग्रह कर रहे हैं, परंतु ऐसा लगता है कि उनका ऐसा करना उनके सम्मान को ठेस पहुंचाता है। हमारी इस देश की जनता के प्रति प्रतिबद्धता है और हम इसके लिए हर कीमत देंगे।
Read Also: मणिपुर हिंसा को लेकर लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के लिए कांग्रेस ने की ये मांग
राज्यसभा में बोलते समय माइक बंद करने पर कड़ी आपत्ति जताते हुए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि उन्हें संसद में बोलने नहीं दिया गया। वह अपने मुद्दे सदन के सामने रख रहे थे तो उनका माइक बंद कर दिया गया। यह उनके विशेषाधिकार का हनन है। माइक बंद कर उनका अपमान किया गया है। उनके आत्मसम्मान को ठेस पहुंचाई गई है। खड़गे ने कहा कि अगर सरकार के इशारे पर सदन चला तो वह समझेंगे कि लोकतंत्र नहीं है।
वहीं कांग्रेस संचार विभाग के प्रभारी जयराम रमेश ने कहा कि मणिपुर में तीन मई के बाद की स्थिति पर संसद के दोनों सदनों में प्रधानमंत्री के विस्तृत बयान की इंडिया के दलों की वाजिब मांग को मोदी सरकार नहीं मान रही है। इंडिया के सभी दलों की स्पष्ट मांग है कि पहले प्रधानमंत्री बयान दें, उसके तत्काल बाद चर्चा होगी। लेकिन सरकार लगातार इससे इंकार कर रही है और अड़ियल रवैया अपनाए हुए है। इसके विरोध में इंडिया के सभी दलों ने बुधवार को पूरे दोपहर के लिए राज्यसभा से वॉकआउट भी किया।