World Bollywood Day: फिल्में देखना किसे पसंद नहीं होता। समय के साथ फिल्मों की कहानियों ने वेब सीरीज का नाम तो ले लिया पर उत्साह आज भी वही बरकरार है। लोगों को आज भी फिल्में देखना बेहद पसंद है। कुछ फिल्में तो ऐसी होती है, जो समय के साथ भी पुरानी नहीं होती । आपके दादा-दादी, पापा- मम्मी और आप भी कुछ बॉलीवुड फिल्मों को बहुत उत्साह के साथ देखते होंगे । बॉलीवुड (Bollywood) का ये उत्साह और विरासत को बरकरार रखने के लिए प्रत्येक वर्ष 24 सितंबर को विश्व बॉलीवुड दिवस (World Bollywood Day) मनाया जाता है।
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क्यों मनाया जाता है विश्व बॉलीवुड दिवस ?
बॉलीवुड की शुरुआत हिंदी की पूर्ण फिल्म हरिश्चंद्र से हुई। उसके बाद बॉलीवुड (Bollywood) जगत में एक के बाद एक सुपरहिट फिल्में आई। जिसके बाद इन फिल्मों ने विश्व स्तर पर अपनी एक अलग पहचान बना ली है। यह ना केवल फिल्मी जगत में भारत के लिए नए आयाम खोल रही है बल्कि इसके साथ ही सफलता की नई ऊंचाइयों को भी छू रही है। बॉलीवुड (Bollywood) आज के समय में एक महान उद्योग बन चुका है। इसकी महत्ता को बनाए रखने के लिए ही प्रत्येक वर्ष 24 सितंबर को विश्व बॉलीवुड दिवस मनाया जाता है। साथ ही साथ कलाकारों, निर्माताओं और परदे के पीछे से अपना सहयोग देने वाले लोगों के कामों को सराहने के लिए इस दिन को मनाने की शुरुआत की गई।
बॉलीवुड की वो फिल्में जो ऑस्कर के लिए नॉमिनेट हुई-
मदर इंडिया- 1957 में बनी फिल्म मदर इंडिया बॉलीवुड (Bollywood) के ऐतिहासिक पन्नों पर लिखी गई है। इसे आज भी बॉलीवुड की धरोहर के रूप में जाना जाता है। ऑस्कर तक पहुंचने वाली यह पहली फिल्म है जिसे आज भी देखकर आंखो से आंसू आ जाते हैं। इस फिल्म में एक महिला की दयनीय स्थिति को इतने भावुक ढंग से दिखाया गया है कि लोगों की आंखें गीली हो जाती है। यह उस समय की भारत की तस्वीर का एक ऐसा आईना है जिसे देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि भारत ने कितना लंबा सफर तय किया है।
सलाम बॉम्बे- साल 1988 में मीरा नायर की फिल्म सलाम बॉम्बे अपने समय की बेहतरीन फिल्म माना जाती है। साथ ही यह भारत की ओर से ऑस्कर के लिए नॉमिनेट की गई दूसरी फिल्म है। यह फिल्म इतने बेहतरीन ढंग से तैयार की गई कि उस समय सर्वोत्तम हिंदी फिल्म के राष्ट्रीय पुरस्कार से भी नवाजा गया। पहले इस फिल्म का नाम ‘चल बॉम्बे चल’ रखा गया था लेकिन बाद में किन्हीं कारणों की वजह से इसका नाम सलाम बॉम्बे रखा गया।
लगान- 2001 में आमिर खान की फिल्म लगान ने लोगों के दिलों पर अपनी अलग छाप छोड़ी हुई है। आशुतोष गोवारिकर के निर्देशन में तैयार हुई फिल्म ब्रिटिश राज में लोगों पर हुए अत्याचार को दर्शाती है। जिसमें लोगों की दयनीय स्थिती का खूबसूरती के साथ चित्रण किया गया है जो लोगों को बेहद पसंद आया।
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‘लापता लेडीज’ को मिली ऑस्कर 2025 में ऑफिशियल एंट्री-
बता दें, हाल ही में आमिर खान की फिल्म ‘लापता लेडीज’ को भारत की तरफ से ऑस्कर 2025 में ऑफिशियल एंट्री मिल चुकी है। मलयालम फिल्म ‘All We Imagine As Light’ को मजबूत दावेदार के तौर पर देखी जा रही थी क्योंकि इस फिल्म ने कान्स फिल्म फेस्टिवल में दूसरा बड़ा पुरस्कार जीता था। लापता लेडिज को इसलिए चुना गया क्योंकि एक ऐसी फिल्म का चयन करना होता है जो हर पैमाने पर भारत को दर्शाती होती हो। साथ ही भारत की संस्कृति और सामाजिक व्यवस्था का एक उदाहरण पेश करे। इसलिए लापता लेडीज को चुना गया।
भारत में पहला ऑस्कर अवार्ड 1983 में ‘गांधी’ फिल्म को कॉस्टयूम डिजाइन के लिए मिला था। जो भानु अथैया ने जॉन मोलो के साथ मिलकर इस कॉस्टयूम को डिजाइन किया था। इसके बाद 2023 में राजमौली की मूवी RRR के गाने ‘नाटू नाटू’ को सर्वश्रेष्ठ मूल गीत के लिए मिला था। जो एम॰ एम॰ कीरावनी और चंद्र बोस ने कंपोज किया था ।