नई दिल्ली(प्रदीप कुमार): शीतकालीन सत्र में 12 सांसदों के निलंबन के खिलाफ विपक्षी दलों ने संसद में जोरदार हंगामा किया। हालांकि, राज्यसभा के सभापति वेंकैया नायडू ने फिलहाल निलंबन वापस लेने से साफ इनकार कर दिया है। इसके बाद संसद की कार्यवाही से विपक्ष ने वॉकआउट कर दिया।
राज्यसभा सभापति वेंकैया नायडू ने विपक्ष के 12 सांसदों का निलंबन वापस लेने की अपील को खारिज करते हुए कहा वेंकैया नायडू ने कहा कि सभापति को कार्रवाई करने का अधिकार है और वह कार्रवाई कर सकता है। सभापति ने कहा कि पिछले सत्र का कड़वा अनुभव हमें आज भी याद है।
राज्यसभा के सभापति वेंकैया नायडू की ओर से सांसदों के निलंबन को वापस न लिए जाने के बाद कांग्रेस समेत कई विपक्षी पार्टियों के सांसदों ने वॉकआउट कर दिया।
विपक्षी दलों ने राज्यसभा के 12 विपक्षी सांसदों के निलंबन को रद्द करने की मांग करते हुए संसद परिसर में महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने विरोध प्रदर्शन भी किया। प्रदर्शन में टीएमसी सांसद भी शामिल रहे।
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विपक्ष के 12 सांसदों को राज्यसभा से निलंबित किए जाने के मुद्दे पर राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे अब राज्यसभा सभापति वेंकैया नायडू को चिट्ठी लिखेंगे।
खड़गे इससे पहले कह चुके हैं कि निलंबित सांसदों ने कोई गलती नहीं की थी, इसलिए वे माफी भी नहीं मांगेंगे। मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि सांसदों पर की कई कार्रवाई का मुद्दा पिछले सत्र का है, तो इस पर अब निर्णय कैसे लिया जा सकता है।
इसी के साथ राज्यसभा से निलंबित किए गए 12 सांसद राज्यसभा के सभापति वेंकैया नायडू को चिट्ठी लिखकर अपने निलंबन के खिलाफ तर्क प्रस्तुत करेंगे। ये सांसद बुधवार को संसद परिसर में गांधी प्रतिमा के सामने धरना भी देंगे।
इस बीच कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने 12 सांसदों के निलंबन को लेकर ट्वीट किया है। राहुल गांधी ने निलंबन वापसी के लिए सांसदों की ओर से माफी मांगे जाने की अटकलों पर कहा कि किस बात की माफ़ी? संसद में जनता की बात उठाने की? बिलकुल नहीं!
निलंबित सांसदों की माफी की मांग उठी तो राज्य सभा नेता सदन पीयूष गोयल ने राहुल गांधी के ट्वीट पर हमला करते हुए पलटवार किया।
केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि सांसदों को सदन में जनता की बात उठाने का पूरा अधिकार है लेकिन उसका एक तरीका होता है , नियम होता है।
राहुल गांधी से सवाल पूछते हुए गोयल ने कहा कि उन्हें अपने अगले ट्वीट में देश को यह बताना चाहिए कि क्या इन 12 सांसदों ने जिस तरह का व्यवहार सदन में किया था , उसे वो सही मानते हैं ?
विपक्षी दल दोनों सदनों में बिना बहस के तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने का विरोध पहले से ही कर रहे है और अब राज्यसभा में 12 सांसदों को निलंबित करने के मुद्दे पर गतिरोध बढ़ने लगा है।