आज के समय में किसी से दोस्ती करना वैसा ही जैसे जीवन के किसी बड़े फैसले पर विचार करना। लेकिन आज दोस्ती के आयाम बदल गए है। आप अगर दोस्त बनाना चाहते है तो सीधे संपर्क का होना जरूरी नहीं है। आमने-सामने बातचीत के माध्यम से या अन्य व्यक्ति से मुलाकात करने पर ही आपके दोस्त बने ये जरूरी नहीं है। इसके अलावा आजकल अनेकों प्लेटफार्म पर आप नए दोस्त आसानी से बना लेते है। लेकिन आपको बता दें हम चर्चा दोस्त बनाने पर नहीं कर रहे है। बल्कि उसपर करने जा रहे है जो माध्यम आपका सबसे करीब घनिष्ट मित्र के श्रेणी में आ गया है। जिसमे आप अपने बहुत सी ऐसी चीजों को संभाल कर रखते है जिसका खुलासा आप किसी के साथ नहीं करते है। अबतक आप समझ गए होंगे की यहां किसकी बात की जा रही है।
ये घनिष्ट मित्र और कोई नहीं बल्कि आपका स्मार्टफोन है। जो आपके साथ आपके साए की तरह रहता है। सुनने में थोड़ा अजीब लग सकता है की नहीं ऐसा नहीं है की हर कोई अपने स्मार्टफोन को अपने साए की तरह रखता है लेकिन ऐसा अधिकांश होता है। उसी आधार पर आज हम इस विषय पर बातचीत कर रहे है। स्मार्टफोन कब जरूरत से आदत बन गया, हमें पता भी नहीं चला। हम जहां कहीं भी हों, अकेले या भीड़ में, स्मार्टफोन से घिरे हुए हैं। ये हमें बीमार बना रहे हैं। मानसिक भी और शारीरिक तौर पर भी। स्मार्टफोन का ज्यादा इस्तेमाल हमें थका रहा है। डिप्रेशन और चिंता की वजह बन रहा है। हालात इतने खराब हो चुके हैं कि हमें हमारे ही स्मार्टफोन से दूर रखने के लिए कंपनियां खुल गई हैं। ऐसे डिवाइस बन रहे हैं, जो हमें फोन से दूर रखने में मदद करते हैं।
* कैसे हो रहा है अधिक इस्तेमाल
1. सुबह की दिनचर्या की शुरुआत बन रहा है आपका स्मार्टफोन
2. परिवार में मौजदूगी को कम कर रहा है आपका स्मार्टफोन
3. मानसिक तनाव को बढ़ाने की वजह स्मार्टफोन, दरअसल स्मार्टफोन के ज्यादा इस्तेमाल से आपके मानसिक संतुलन पर असर पड़ता है।
4. भोजन करते वक्त स्मार्टफोन का इस्तेमाल करना भोजन के प्रति आपका ध्यान बाट देता है जिससे आप भोजन में रूचि नहीं ले पाते है।
5. स्वास्थ पर पड़ रह है बुरा असर। स्मार्टफोन का ज्यादा इस्तेमाल आपकी सेहत पर बुरा असर डालता है।
* छोटे बदलाव जो स्मार्टफोन की लत से बचा सकते हैं
1. सबसे पहले अपने मोबाइल के सारे नोटिफिकेशन बंद कर दें।
2. सोते या फिर काम करते वक्त जब संभव हो मोबाइल दूर रखें।
3 .सोशल मीडिया ऐप्स का इस्तेमाल मोबाइल की बजाय लैपटॉप में करें।
4. फेस अनलॉक या फिंगर लॉक के बजाय लंबा पासवर्ड डालें।
5. स्मार्टफोन पर जो काम करने हैं उनकी लिस्ट बना लें, काम खत्म करने के बाद फोन को रख दें।
6 .स्मार्टफोन लॉन्च होते ही खरीदने की रेस में न पड़ें। पुराने फोन में ज्यादा ऐप नहीं आ पाते, इससे भी रुचि घटती है।
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अगर आप आपने जीवन में बदलाव चाहते है। तो आप स्मार्टफोन के इस्तेमाल को कम कर सकते है जिससे आप अपना कीमती समय बहुत से कार्यो में लगा पाएंगे।लेकिन एक तरफ ये भी कहा जा सकता है की स्मार्टफोन ने आपकी जीवन शैली को बदल दिया है ,जो आपके सकारात्मक बदलाव में शमिल है। लेकिन ऐसे डिवाइस आपका ध्यान जल्दी अपने तरफ खींचते है। जिससे आप अपने कई कार्य में फोकस नहीं रख पाते है। स्मार्टफोन का कम इस्तेमाल कर आप अपने जीवन में सक्रिय रह सकते है।