(प्रदीप कुमार):कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी और विपक्ष के अनेक नेताओं ने ‘मल्लिकार्जुन खरगे: पॉलिटिकल एंगेजमेंट विद कम्पैशन, जस्टिस एंड इनक्लूसिव डेवलपमेंट’ पुस्तक के विमोचन के अवसर पर आज कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के 50 साल से ज्यादा लंबे राजनीतिक जीवन में उनकी सत्यनिष्ठा, मेहनत और वैचारिक प्रतिबद्धता को सराहा।समारोह को संबोधित करते हुए सोनिया गांधी ने कहा कि खरगे पर एक मजबूत संगठनात्मक नेता के रूप में कांग्रेस को विश्वास है और ‘भारत की आत्मा’ के लिए जारी लड़ाई में पार्टी का नेतृत्व करने के लिए वे सबसे योग्य व्यक्ति हैं।
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कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष श्रीमती गांधी ने वर्तमान अध्यक्ष खरगे की प्रशंसा करते हुए उनके लंबे राजनीतिक जीवन और संघर्षों का उल्लेख किया। उन्होंने कहा, ‘‘आज वह एक महत्वपूर्ण मोड़ पर कांग्रेस पार्टी का नेतृत्व कर रहे हैं। सत्ता में बैठे लोग संवैधानिक और संस्थागत मूल्यों से बेपरवाह हैं तथा उन सभी संस्थानों, व्यवस्थाओं और सिद्धांतों को नष्ट कर रहे हैं जिनके द्वारा भारत आजादी के बाद से फला-फूला है।’श्रीमती गांधी ने कहा कि मल्लिकार्जुन खरगे को उनका और कांग्रेस पार्टी का दृढ़ समर्थन प्राप्त है। राजनीति में 50 साल एक लंबी अवधि होती है। खरगे जी अपने पूरे राजनीतिक जीवन में लगातार ऊंचाइयां छूते रहे। उन्होंने एक बार भी अपनी विचारधारा से समझौता नहीं किया। वह एक बार भी गरीबों के हित से दूर नहीं गए और एक बार भी राजनीतिक लड़ाई जीतने के लिए सम्मान और आचरण से समझौता नहीं किया। इसीलिए, आज खरगे जी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष के रूप में मजबूती से खड़े हैं। उनका शानदार जीवन और कार्य उन मूल्यों का उदाहरण है जिन्हें आधुनिक भारत के संस्थापकों और शिल्पकारों ने अपनाया था… उन्होंने अपनी लंबी यात्रा में कई प्रतिकूल परिस्थतियों को पार किया है।
सोनिया गांधी ने केंद्र सरकार पर संवैधानिक संस्थाओं और सिद्धांतों को नष्ट करने का आरोप भी लगाया।सोनिया गांधी ने कांग्रेस के योगदान का हवाला देते हुए कहा कि जब भारत आज़ाद हुआ तो हम दुनिया के सबसे गरीब देशों में से एक थे। साक्षरता 16 प्रतिशत थी 80 प्रतिशत से अधिक लोग गरीब थे और हमारे पास लगभग कोई औद्योगिक आधार नहीं था। लेकिन हम कांग्रेस पार्टी के नेतृत्व में भारी बाधाओं को पार करते हुए कंधे से कंधा मिलाकर आगे बढ़े। ऐसा स्वतंत्रता संग्राम में पार्टी के लंबे अनुभव, उसके बलिदान, उसकी विचारधारा और उसकी अदम्य भावना के कारण संभव हुआ। उन्होंने कहा कि यही वह पार्टी है जिसने खरगे जी को एक नेता रूप में तैयार किया है।
कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख ने खरगे के बचपन में सांप्रदायिक हिंसा में उनके परिवार के कई सदस्यों के मारे जाने की घटना का उल्लेख करते हुए कहा कि छोटी सी उम्र में सांप्रदायिकता और भेदभाव का सामना करने के बावजूद श्री खरगे ने जानबूझकर धर्मनिरपेक्ष और उदारवादी बनना चुना। गरीबी और भेदभाव का सामना करते हुए उन्होंने साहसपूर्वक सभी प्राणियों के प्रति करुणा को अपनाया।पुस्तक विमोचन कार्यक्रम को मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव सीताराम येचुरी, राष्ट्रीय जनता दल के सांसद मनोज झा, शिक्षाविद सुखदेव थोराट ने भी संबोधित किया। दिल्ली के जवाहर भवन में आयोजित समारोह में प्रियंका गांधी, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल और हिमाचल प्रदेश के सीएम सुखविंदर सुक्खू सहित कांग्रेस पार्टी व अन्य दलों के अनेक वरिष्ठ नेता भी मौजूद रहे।