Sugar Consumption Risk: हमारी रोजमर्रा की ज़िंदगी में चीनी (शक्कर) (Sugar Consumption Risk) इस तरह शामिल हो चुकी है कि हम अक्सर इसके सेवन का अंदाजा तक नहीं लगा पाते। सुबह की चाय में एक चम्मच चीनी, दोपहर में मिठाई का एक टुकड़ा, ऑफिस में बिस्किट या कुकीज़, और फिर शाम को शरबत या कोल्ड ड्रिंक—हर घंटे शरीर में शक्कर पहुंच रही होती है। यह मीठा स्वाद कुछ क्षणों के लिए भले ही अच्छा महसूस कराए, लेकिन यही मीठास धीरे-धीरे हमारे शरीर के लिए ज़हर साबित हो सकती है.Sugar Consumption Risk
डॉ. ऋषभ शर्मा, एक प्रसिद्ध न्यूट्रिशन विशेषज्ञ बताते हैं कि “चीनी का ज़रूरत से ज़्यादा सेवन न केवल मोटापे और डायबिटीज़ की वजह बनता है, बल्कि यह दिल की बीमारियों, लिवर की समस्याओं, त्वचा की झुर्रियों और समय से पहले बुढ़ापे का कारण भी बन सकता है।” उनका कहना है कि मीठा खाना मन को भले ही संतुष्टि देता हो, लेकिन शरीर के भीतर यह अनेक गंभीर बीमारियों की नींव रखता है.Sugar Consumption Risk
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कितनी चीनी है सही?
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की गाइडलाइंस के अनुसार, एक वयस्क व्यक्ति को प्रतिदिन 25 ग्राम से ज्यादा फ्री शुगर (जैसे कि टेबल शुगर, कोल्ड ड्रिंक, मिठाइयों में मिलाई गई शक्कर) का सेवन नहीं करना चाहिए। यह लगभग 6 चम्मच चीनी के बराबर है। जबकि भारत में औसतन एक व्यक्ति रोज़ाना 20-25 चम्मच तक चीनी का सेवन कर लेता है, और उसे इस बात का एहसास तक नहीं होता.Sugar Consumption Risk
मीठा खाने से शरीर को क्या नुकसान हो सकता है?
मोटापा और पेट की चर्बी
चीनी से मिलने वाली अतिरिक्त कैलोरी शरीर में फैट के रूप में जमा होती है। खासतौर पर फ्रक्टोज़ (जो ज्यादातर प्रोसेस्ड फूड और शरबत में होती है) लिवर में फैट को बढ़ाकर पेट की चर्बी और मेटाबॉलिक सिंड्रोम का कारण बनती है.Sugar Consumption Risk
डायबिटीज़ का खतरा
लगातार अधिक चीनी का सेवन शरीर में इंसुलिन के प्रति संवेदनशीलता को कम करता है, जिससे टाइप-2 डायबिटीज़ होने की आशंका बढ़ जाती है।
दिल की बीमारियाँ
हाई शुगर इनटेक ब्लड प्रेशर, ट्राइग्लिसराइड्स और बैड कोलेस्ट्रॉल (LDL) को बढ़ा देता है, जो हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा बढ़ाते हैं।
त्वचा पर प्रभाव और बुढ़ापा
शक्कर त्वचा के कोलेजन को नुकसान पहुंचाकर झुर्रियां और समय से पहले बुढ़ापा ला सकती है।
मानसिक स्वास्थ्य- रिसर्च में यह भी सामने आया है कि अत्यधिक मीठा खाने से मूड स्विंग्स, थकावट और डिप्रेशन जैसे लक्षण भी देखने को मिल सकते हैं।
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छिपी हुई चीनी से भी रहें सतर्क
चीनी सिर्फ मिठाइयों या पेय पदार्थों में ही नहीं होती, बल्कि कई बार नमकीन और प्रोसेस्ड फूड जैसे ब्रेड, टोमैटो सॉस, फलों का जूस, लो-फैट योगर्ट और यहां तक कि स्पोर्ट्स ड्रिंक में भी शुगर छिपी होती है। यह “हिडन शुगर” शरीर को बिना पता चले नुकसान पहुंचाती रहती है.Sugar Consumption Risk
क्या करें?
चीनी की मात्रा पर नजर रखें – लेबल पढ़ने की आदत डालें और प्रति सर्विंग कितनी शुगर है, यह देखें।
प्राकृतिक विकल्प चुनें – गुड़, शहद, खजूर जैसे विकल्प सीमित मात्रा में उपयोग कर सकते हैं।
मीठे पेय से बचें – कोल्ड ड्रिंक, पैकेज्ड जूस, फ्लेवर वाला दूध या शरबत से दूरी बनाएं।
फ्रेश फल खाएं – फलों में नैचुरल शुगर होती है जो फाइबर के साथ मिलकर शरीर को नुकसान नहीं पहुंचाती।
धीरे-धीरे बदलाव करें – एकदम से मीठा छोड़ना मुश्किल हो सकता है, इसलिए धीरे-धीरे इसकी मात्रा घटाएं।