Supreme Court on Ajit Pawar: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी से जुड़े विवाद की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को मौखिक रूप से अजित पवार समूह से कहा कि वे महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए अपने प्रचार सामग्री में शरद पवार की तस्वीरें और वीडियो इस्तेमाल न करें।कोर्ट ने अजित पवार से कहा कि उन्हें अपनी अलग पहचान के आधार पर चुनाव लड़ना है। कोर्ट ने अजित पवार से कहा कि वे अपनी पार्टी के सदस्यों को शरद पवार की तस्वीरें और वीडियो इस्तेमाल न करने का निर्देश दें।
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अभिषेक मनु सिंघवी ने पोस्ट की तस्वीर- जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस उज्जल भुइयां की खंडपीठ शरद पवार को महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में अजित पवार को घड़ी के चुनाव चिह्न का इस्तेमाल करने से रोकने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई कर रही थी। इससे पहले कोर्ट ने अजित पवार को घड़ी के चुनाव चिह्न के बारे में समाचार पत्रों में अस्वीकरण प्रकाशित करने का निर्देश दिया था।शरद पवार की ओर से सीनियर एडवोकेट अभिषेक मनु सिंघवी ने कुछ सामग्री – पोस्टरों की तस्वीरें और सोशल मीडिया पोस्ट – पेश कीं, जो कथित तौर पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन करते हुए प्रकाशित की गई । उन्होंने कहा कि अजित पवार के उम्मीदवार अमोल मिटकरी ने केवल शरद पवार को दिखाते हुए तस्वीरें प्रकाशित की थीं। तर्क दिया कि अजीत पवार का पक्ष सीनियर पवार की प्रतिष्ठा का “दुरुपयोग” करने की कोशिश कर रहा है।
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जवाब दाखिल करें – अजीत पवार के लिए सीनियर एडवोकेट बलबीर सिंह ने आरोपों का खंडन किया और दावा किया कि सामग्री “छेड़छाड़” की गई है। सिंघवी ने पलटवार करते हुए कहा कि वीडियो अमोल मिटकरी के आधिकारिक हैंडल से पोस्ट किया गया था।इसके बाद जस्टिस कांत ने कहा,” एक बार जब हमने कोई निर्देश जारी कर दिया है, तो उसका पालन करना होगा। आप जवाब दाखिल करें और एक नया हलफनामा दें कि अतीत में भी आपने उल्लंघन नहीं किया है और भविष्य में भी आप उल्लंघन नहीं करेंगे। हम उम्मीद करते हैं कि दोनों पक्ष हमारे निर्देशों का पालन करेंगे।वहीं, कोर्ट ने दोनों गुटों से कहा कि वो अपने लिए शर्मनाक स्थिति न बनाएं। अगर हमें लगता है कि हमारे आदेश का जानबूझकर उल्लंघन करने का प्रयास किया जा रहा है, तो हम स्वतः अवमानना की कार्रवाई शुरू कर सकते हैं।