(अवैस उस्मानी): गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित करने की मांग वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई से इनकार कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता को फटकार लगाते हुए कहा इसमे किसके मूल अधिकारों का हनन हो रहा है,जो आर्टिकल 32 के तहत अपने याचिका दाखिल किया है। जस्टिस संजय किशन कौल ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि क्या ये तय करना कोर्ट का काम है?
मामले की सुनवाई के दौरान याचिकककर्ता के वकील ने कहा कि गाय की रक्षा सरकार के लिए भी महत्वपूर्ण है। सरकार ने सभी मामलों में कहा है कि गायों की हमेशा रक्षा की जानी चाहिए, हमें सब कुछ गायों से मिल रहा है। याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि वह कोर्ट को ऐसा करने के लिए बाध्य नही कर रहे है। हालांकि सुप्रीम कोर्ट के सख्त रुख के बाद याचिकाकर्ता ने याचिका वापस ले ली।
Read also:बारिश के बीच तबाही के और भी अनेकों मंज़र, किसान हुए आत्महत्या को मजबूर
बता दें पहले इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक मामले की। सुनवाई के दौरान टिप्पणी करते हुए कहा था कि गाय भारत की संस्कृति, राष्ट्रीय पशु घोषित किया जाए, इलाहाबाद हाईकोर्ट के जस्टिस शेखर कुमार यादव ने एक मामले की सुनवाई के दौरान अपने फैसले में कहा था कि सरकार को अब सदन में एक बिल लाना चाहिए। गाय को भी मूल अधिकार मिलने चाहिए। समय आ गया है कि अब गाय को एक राष्ट्रीय पशु घोषित कर दिया जाए। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा था वहीं जो भी गाय को परेशान करते हैं, उन्हें नुकसान पहुंचाने का प्रयास करते हैं, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए. जज ने जोर देकर कहा है कि जब तक देश में गायों को सुरक्षित नहीं किया जाएगा, देश की तरक्की भी अधूरी रह जाएगी।