बारिश के बीच तबाही के और भी अनेकों मंज़र, किसान हुए आत्महत्या को मजबूर

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(जीतेन्द्र कुमार): बारिश के बीच तबाही के मंजर की रूह कंपा रुला देने मामले भी सामने आ रहे है। यूपी के अलीगढ़ जिले की तहसील इगलास इलाके के गांव विसाहुली में किसान हेमराज ने 30 बीघा जमीन पट्टे पर लेकर धान की फसल उगाई थी। जिसमें 25 बीघा धान की फसल को मजदूर लगवाकर कटवाया गया था। लेकिन पिछले कई दिनों से हो रही मूसलाधार बारिश में खेतों के अंदर कटी पड़ी धान की 25 बीघा फसल नदियों में बह गई। इसके बाद किसान ने मजदूरों के हाथ जोड़कर अपने खेत में खड़ी बची हुई पांचवी का फसल को 6 फुट पानी के बीच कटवा कर बाहर निकलवाया। धान की 30 बीघा फसल बर्बाद होने के बाद अब किसान हेमराज कह रहा है कि अब वह आत्महत्या करने के लिए मजबूर है। अब उसको सरकार से ही आस है।                                                       Uttarpradesh news

आपको बता दें कि बारिश ने पूरे देश के अंदर पिछले कई दिन से जमकर कहर बरपाया हैं और रुक-रुक कर हो रही मूसलाधार बारिश अपना कहर लगातार बरपा रही है। कहर बरपा रही बारिश ने लोगों के आशियाना को भी जमींदोज कर दिया। जबकि जगह-जगह पर कई लोग आसियानों के जमींदोज होने के बाद उसके मलबे में दबकर मौत के आगोश में भी समा चुके हैं। जगह-जगह से तबाही के ऐसे अनेकों खौफनाक तस्वीरें देश के कोने-कोने से निकलकर सामने आ रही हैं। इस दौरान पुरुष प्रधान देश का अन्नदाता खेतों में खड़ी पकी हुई ज्यादातर जलमग्न हुई फसलों को बर्बाद हुए देख कह रहा है कि अब फसल बर्बाद होने के बाद उसका परिवार पूरी तरह से बर्बाद हो चुका है। उनके पास अब आत्महत्या के अलावा अब कोई रास्ता नही बचा है।

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बता दें कि बारिश में पकी हुई 30 बीघा फसल बर्बाद होने के साथ ही नदी में कटी हुई धान की फसल बह जाने के बाद देश का अन्नदाता हेमराज कह रहा है कि मैने 30 बीघा जमीन पट्टे पर लेकर धान की फसल उपजाई थी। जिसमें 30 बीघा धान की फसल पक जाने के बाद उसने मजदूर लगाकर करीब 25 बीघा अपनी धान की फसल को कटवाया था। उसके बाद पिछले कई दिन से हो रही बारिश के चलते उसकी धान की फसल में करीब 6-6 फुट बारिश का पानी भर जाने से 25 बीघा धान की फसल जलमग्न हो गई। खेतों में कटी पड़ी हुई वह धान की फसल नदी में बह गई। धान की फसल नदी में बह जाने के बाद उसने खेतों में करीब 6 फूट पानी भरने के बाद बाकी बची 5 बीघा धान की फसल को बचाने के लिए उसने मजदूर लगवा कर पानी में ही कटवाकर पानी से बाहर निकलवाई गई है। कहा की उसके पास फसल काटने वाले मजदूरों को भी देने के लिए पैसे नहीं थे लेकिन उसके बावजूद भी है मजदूरों के आगे हाथ जोड़कर अपनी बाकी बची धान की 5 बीघा फसल को कटवाया हैं। साथ ही कहा कि 30 बीघा फसल बर्बाद होने के बाद अब उसका मन आत्महत्या करने का हो रहा है।

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