नई दिल्ली (रिपोर्ट- प्रदीप कुमार): केंद्र सरकार द्वारा लाए गए इन तीन कृषि कानूनों को लेकर अभी भी विवाद जारी है। पंजाब, हरियाणा समेत उत्तर भारत के कई राज्यों में लगातार विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। इस बीच आज दिल्ली में केंद्र सरकार की ओर से 29 किसान संगठनों से बातचीत की पहल की गई। पंजाब से कुल सात किसान संगठन दिल्ली में कृषि मंत्रालय पहुंचे ।लेकिन बैठक में किसी मंत्री की मौजूदगी ना होने और मंत्रियों के पंजाब जाने से नाराज इन किसान नेताओं ने बैठक का बायकाट कर दिया और बाहर आकर खूब हंगामा किया।
हालांकि इस विवाद पर केंद्र सरकार का पक्ष रखते हुए केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि सरकार सब से बात कर रही है सब से बात करने के लिए ओपन है ।हमारे कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर किसी कार्यक्रम के लिए गए हुए हैं। ऐसे में मुलाकात नहीं हो पाई लेकिन वह जब आएंगे तो फिर सरकार किसी भी पक्ष से मुलाकात के लिए तैयार है।
इधर किसान नेताओं ने आरोप लगाए कि मंत्रालय के लोगों ने उन्हें सिर्फ बिल को समझाने की कोशिश की, लेकिन ये नहीं बताया कि विवादित विषयों को कानून से हटाया जाएगा या नहीं।
Also Read- मोदी कैबिनेट की बैठक में अहम फैसले, नई शिक्षा नीति के तहत STARS प्रोजेक्ट को मंजूरी
दरअसल जब से कृषि कानून संसद से पास हुआ है, तभी से इसपर विवाद है।नए कृषि कानूनों में मंडी से बाहर फसल बिक्री की खुली छूट, प्राइवेट फार्मिंग को बढ़ावा देने जैसे प्रस्ताव लाए गए हैं। हालांकि, कई कृषि संगठन और राजनीतिक दल इन कानूनों को किसान विरोधी करार दे रहे हैं।
साथ ही किसानों की ओर से डर जताया गया है कि इस कानून से एमएसपी सिस्टम खत्म हो जाएगा, हालांकि सरकार का कहना है कि ये गलत है, एमएसपी सिस्टम जारी रहेगा।खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कई मौकों पर कृषि कानूनों को लेकर अपनी बात कह चुके हैं और विपक्ष की बातों में ना आने की अपील कर चुके हैं।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी समेत विपक्ष के कई नेता इस कानून के खिलाफ सड़क पर लड़ाई लड़ रहे हैं। राहुल गांधी ने हाल ही में पंजाब, हरियाणा में ट्रैक्टर रैली भी निकाली थी और किसानों से जुड़े कानूनों का विरोध किया था। कांग्रेस का दावा है कि सत्ता में आने पर वो इन कानूनों को रद्द कर देगी।