नई दिल्ली: भारत-चीन की सीमा पर तनाव के बीच भारत ने साफ कर दिया है कि चीन को लेकर उसके रुख में कोई बदलाव नहीं आया है और चीनी कंपनियों पर लगा प्रतिबंध जारी रहेगा।
सरकारी सूत्रों ने बताया कि किसी भी चीनी कंपनी को भारत में निवेश की मंजूरी नहीं दी गई है। इससे पहले, ऐसी खबर आई थी कि सीमा पर कम होते तनाव के बीच भारत सरकार चीनी कंपनियों के निवेश प्रस्ताव को हरी झंडी देने की तैयारी कर रही है।
बता दें, वास्तविक नियंत्रण रेखा पर तनाव कम करने के लिए दोनों देश सैनिकों की वापसी पर सहमत हुए हैं। सोमवार को एक विदेशी चैनल के हवाले से खबर आई थी कि भारत चीन से जुड़ी लगभग 45 निवेश प्रस्तावों की मंजूरी पर विचार कर रहा है।
एक अधिकारी ने बताया कि भारत सरकार ने तीन विदेशी निवेश प्रस्तावों को मंजूरी दी है जो हांगकांग से जुड़े हैं। इनमें से दो जापानी कंपनियों के निवेश हैं और तीसरा एनआरआई ग्रुप से जुड़ा निवेश है।
Also Read Queen Elizabeth II 7 मार्च को TV पर करेंगी ब्रिटेन को संबोधित
साथ ही अधिकारी ने कहा कि भारत मानता है कि सीमा पर शांति द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने लिए महत्वपूर्ण है। फिलहाल दोनों सेनाओं ने अपने स्तर पर सीमा पर शांति बहाल करने के लिए शुरुआती कदम उठाए हैं।
इस बार चीन के कदमों को लेकर सरकार कोई जल्दबाजी नहीं करेगी, वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चीन के अगले कदम क्या होंगे, इस पर सरकार पूरी तरह से नजर बनाए हुए है।
वहीं, भारत ने चीन पर जो प्रतिबंध लगाए हैं, उनको हटाने में कोई जल्दबाजी नहीं की जाएगी। सरकार ने जिन तीन विदेशी निवेश को मंजूरी दी है, वह हांगकांग में स्थित कंपनियों के हैं।
एफडीआई के तहत जिन प्रस्तावों को मंजूरी दी गई है, वह गोह परिवार से ताल्लुक रखते हैं जो सिंगापुर, नीदरलैंड और ऑस्ट्रेलिया समेत हांगकांग के नागरिक हैं। सिटीजन वॉचेज प्राइवेट लिमिटेड को भी मंजूरी दी गई है जो जापान की कंपनी है।