दिल्ली NCR में प्रदूषण का मामला एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है, सुप्रीम कोर्ट से दिल्ली NCR में निर्माण कार्य पर प्रतिबंध लगाने कि मांग की गई है, सुप्रीम कोर्ट भी इस मामले कि सुनवाई के लिए तैयार हो गया है, वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने आज जस्टिस संजय किशन कौल के सामने मामले को उठाया था। Air pollution in delhi,
दिल्ली की खराब होती आबोहवा का मामला एक फिर सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है, वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने दिल्ली NCR में बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए कंस्ट्रक्शन पर रोक लगाने का निर्देश जारी करने की मांग की गई, सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस संजय किशन कौल ने मामले में सुनवाई पर सहमति जताई है, और कहा है कि वह इस मामले में विस्तार से सुनवाई करेंगे। Air pollution in delhi,
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वहीं दूसरी तरफ वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने बढ़ते प्रदूषण को लेकर पहले से तैयारी शूरू कर दी है। वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने संशोधित ग्रैप के तहत अब दिल्ली-एनसीआर में चलने वाले होटल, रेस्तरां और खुले भोजनालय में पकने वाले तंदूर में कोयले के इस्तेमाल और लकड़ी जलाने पर प्रतिबंध की सिफारिश की है। दिल्ली NCR में डीजल जनरेटरों, पटाखे फोड़ने से निपटने के लिए हरियाली व पौधारोपण करने की बात की गई है। CAQM के मुताबिक, जैसे-जैसे दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण का स्तर चरण एक से दो, तीन और चार तक बढ़ेगा, वैसे-वैसे कई प्रतिबंध लागू किए जाएंगे। Air pollution in delhi,
ग्रैप को हर साल अक्टूबर में लागू किया जाता है जब दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण का स्तर बिगड़ना शुरू होता है। इससे निपटने के लिए CAQM ने केंद्र की 2017 में लागू की गई ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रैप) को नया रूप देने का विचार किया है। Air pollution in delhi,