सजा नहीं, न्याय केंद्रित हैं तीन नए आपराधिक कानून,मिलेगा न्याय- डीजीपी प्रशांत कुमार

UP DGP Prashant Kumar:

UP DGP Prashant Kumar: 1 जुलाई से देशभर में तीन नए आपराधिक कानून लागू होने वाले हैं। इनके लागू होने के बाद इंडियन पीनल कोड यानी आईपीसी की जगह भारतीय न्याय संहिता 2023, क्रिमिनल प्रोसीजर कोड यानी सीआरपीसी की जगह भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 और इंडियन एविडेंस एक्ट की जगह भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023 लागू होंगे।

नए कानून का मलतब भेदभाव नहीं-उत्तर प्रदेश के डीजीपी प्रशांत कुमार ने गुरुवार को कहा कि एक जुलाई से लागू होने वाले तीन नए आपराधिक कानूनों का मकसद भेदभाव, उत्पीड़न को कम करना और किसी भी निर्दोष को सजा नहीं भुगतने देना है।डीजीपी प्रशांत कुमार ने कहा कि नए आपराधिक कानूनों में इस बात का ध्यान रखा गया है कि किसी शिकायत के समाधान में उससे जुड़े किसी भी पक्ष का उत्पीड़न न हो।

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डीजीपी प्रशांत कुमार ने दी ये जानकारी –डीजीपी प्रशांत कुमार बताते है कि तैयारियां जोरों शोरों से चल रही है। जो इसकी मूल भावना नए कानूनों को पास करने में थी। इसके बारे में हमारे जो विधायक है वो दो सदनों में व्यापक चर्चा की।और सबसे मूल भावना ये है कि तकनीक का प्रयोग ज्यादा से ज्यादा करके डिस्क्रेशन को कम करना, चाहे वो आईओ का हो या किसी भी इस पूरे चैन में जुड़े हुए व्यक्ति का हो इसको कम करना। किसी भी स्थिति में वादी का उत्पीड़न ना हो तथा कोई भी निर्दोष व्यक्ति दंड ना मिले।

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इसके लिए अधिक से अधिक तकनीक का उपयोग किया जाए। एक समयबद्ध तरीके से इन सभी चीजों का विचारण हो। और फोरेंसिक चीजों जो हमारे एविडेंस होती है उसका अधिक से अधिक उपयोग किया जाए तथा ये सुनिश्चित करा जाए कि जो पुलिस अफसर के डिस्क्रेशन है वो कम से कम हो और ज्यादा से ज्यादा जो निष्कर्ष पर पहुंचने की प्रकिया है वो तकनीक पर आधारित हो।”

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