भारत में विभिन्न धर्मों के लोग रहते हैं इसलिए यहां पर खाने की भी बहुत सारी विभिन्नताएं मौजूद है। यहां पर अलग-अलग राज्यों में जिस तरह अलग-अलग भाषाएँ बोली जाती है वैसे ही हर राज्यों की अपनी एक विशेष व्यंजन होती है। जिससे उस राज्य की पहचान होती है। भारत का फ़ूड कल्चर उसे बाकि देशों से अलग बनाता है। यहां के खाने में तीखे मसाले और औषधीय गुण इसकी एक अलग पहचान है। वैसे भी भारत के खानों में तीखापन उसकी विशेष पहचान है। सिर्फ खाने में ही बल्कि पकाने में भी भारतीय भोजन बाकि देशों से काफी अलग है। Indian famous food
भारत का भोजन विभिन्न युगों और संस्कृतियों का मिश्रण है। यहां पर विभिन्न संस्कृतियों का समावेश है। जो यहां के भोजन को भी प्रभावित करती है। और भारत में पश्चिमी सभ्यता का भी काफी ज्यादा असर है। इसलिए यहां का भोजन भी विभिन्न सभ्यताओं से प्रभावित रहा है। उत्तर भारत में विशेष रूप से चावल काफी पसंद किया जाता है और वहां के ज्यादातर खाने इसी से संबंधित होते हैं ज्यादातर रेसिपी चावल से ही बने होते हैं। वहीं पंजाब और हरियाणा जैसे राज्यों में रोटी ज्यादा पसंद की जाती है वहां पर विभिन्न प्रकार की रोटियां बनायी जाती है।
अगर हम अलग-अलग राज्यों के फेमस भोजन की बात करें तो भारत में 28 राज्य है और सभी राज्यों की पहचान उसके एक स्पेशल फ़ूड से होती है। भारत में एक बहुत ही फेमस कहावत है कोस कोस पर पानी बदले, चार कोस पर वाणी। लेकिन पकवानों की इतनी विविधता होने के बावजूद भी देश में एकता विद्यमान है और यह उसी का परिणाम है की आज केरल के लोग भी दाल चावल बड़े शौक से कहते हैं। भारत में भोजन बनाने की कला को पाक कला के नाम से जाना जाता है। इसलिए भारत देश को पाक कलाओं का संगम कहा जाता है।
भारतीय भोजन का खाना एक विशेष महत्व रखता है इसलिए हर एक क्षेत्र पर एक नया भोजन फेमस है और सभी क्षेत्रों का खाना दुसरे क्षेत्र से कुुछ-कुुछ अलग हौता है, यह भरतीय भोजन को अपनी एक निराला व अनोखा रूप देती है। पूरन पूरी हो व दाल बाटी, तन्दूरी रोटी हो व राजसी पुलाव, बंंगाली खाना हो व मारवाड़ी खाना, भारतीय भोजन की अपनी एक विशिष्टता है। शायद यही वजह है की संसार के सभी देशों में भारतीय रेस्टुरेंट खुले हुए है।
राजस्थान में दाल-बाटी, चूरमा बहुत फेमस है कोई भी मौसम हो इसका कोई तोड़ नहीं है। वहीं मेहमान के आने के बाद भी वह दाल बाटी बड़े ही प्यार से परोसा जाता है। इसके अलावा वहां पर गट्टे की सब्जी, प्याज की कचौरी, लापसी, घेवर, गोंद के लड्डू, सांगरी की सब्जी फेमस फ़ूड है।
वहीं कोलकाता में चावल-मछली रसोगुल्ला बड़े चाव से खाया जाता है। यहां मुख्य रूप से मुख्य रूप से चावल के साथ मछली, सब्जियां और दाल पर जोर दिया जाता है। पंजाब में मक्के की रोटी-सरसों का साग है। वहीं यह के खानें में ज्यादा मसलों का इस्तेमाल होता है। जिससे यह का व्यंजन काफी तीखा होता है। पंजाबी खाने मैं घी, दही, मक्खन, पूरी गेहूं का उपयोग होता है। वहीं गुजरात का पारम्परिक भोजन थेपला, ढोकला, खांडवी, श्रीखंड है। महाराष्ट्र का फेमस व्यंजन वड़ा पाव, श्रीखंड, भेलपूरी, पुरण पोळी, झुणका भाकर, गुर्जर वाल भाजी, गुर्जरोयनी वरण बट्टी, गुर्जरी सफेद कढ़ी है।
दक्षिण भारतीय व्यंजनों में में इडली-डोसा, सांभर, मैसूर पाक। हैदराबादी में प्रमुख अवसरों पर परोसा जाने वाला आन्ध्र प्रदेश का पारम्परिक भोजन हैदराबादी बिरयानी, हलीम, दाल गोश्त प्रसिद्द है। वहीं बिहार में लिट्टी चोखा, हरियाणा में सिंगरी की सब्जी, बाजरे की रोटी और लस्सी प्रसिद्द है। कश्मीरी में यखनी, कश्मीरी पुलाव, गुश्तावा बनाई जाती है।
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भारतीय भोजन में बहुत सारे सामग्रीयों का इस्तेमाल होता है, जैसे की दालचीनी, काली मिर्च, लौंग, इलायची का प्रयोग होता है। लहसुन और प्याज का भी खाने में प्रयोग उसकी स्वादिष्टता को बढ़ा देता है, पर सात्विक भोजन में इनका उपयोग नहीं किया जाता है। जैन धर्म के अनुयायी जड़ वाले शाक को भी नहीं खाते। भारत में मौसमी फलों सब्जियों को ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है वहीं अलग -अलग प्रकार के दाल का भी उपयोग होता है जैसे मसूर, तूर/अरहर, उड़द, मूँग दाल जैसे भिन्न-भिन्न दालो का प्रयोग होता है।
भारतीय भोजन ने हमेशा से इस देश की संस्कृति के विस्तार एवं समृद्धि में अपना अहम योगदान दिया है। इसलिए यह के व्यंजनों में एक मनमोहकता के साथ अपनापन भी मौजूद रहती है जो अलग अलग स्वाद के साथ अलग अलग संस्कृति को भी दर्शाती है। यहाँ बनने वाले स्वादिष्ट व्यंजनों को लेकर दूसरे देशों में रहने वाले लोगो के मन में उत्सुकता बनी रहती है। यहाँ की मिट्टी, जलवायु, संस्कृति, जातीय समूहों एवं व्यवसायों में विविधता को देखते हुए, इसलिए यहां के व्यंजन अन्य देशों के भोजन से काफी भिन्न होते हैं।