Airlines News: ऑल इंडिया केबिन क्रू एसोसिएशन (एआईसीसीए) ने टाटा ग्रुप की एअर इंडिया की तरफ से केबिन क्रू के एक वर्ग के लिए बनाई गई रूम शेयरिंग पॉलिसी को कानूनी तौर पर अवैध बताया है। मामले में एसोसिएशन ने श्रम मंत्रालय से हस्तक्षेप करने और इस पर रोक लगाने की अपील की है।एसोसिएशन ने एअर इंडिया के प्रमुख कैंपबेल विल्सन को भी पत्र लिखकर उनसे मौजूदा पॉलिसी का उल्लंघन नहीं करने और इंडस्ट्रियल ट्रिब्यूनल की गाइड लाइन और इस मुद्दे पर पेंडिंग औद्योगिक विवाद का सम्मान करने की अपील की है।
Read also-Gujrat: प्रधानमंत्री मोदी ने स्पेन के पीएम सांचेज के साथ की द्विपक्षीय वार्ता
एक दिसंबर से लागू होगी ये पॉलिसी – एक दिसंबर से लागू की गई इस नई पॉलिसी के तहत, सदस्यों को 11 नवंबर को विस्तारा के साथ विलय से पहले केबिन अधिकारियों और अल्ट्रा-लॉन्ग-हॉल उड़ानों का संचालन करने वालों को छोड़कर, लेओवर के दौरान रूम शेयर करने की जरूरत होगी।
इंटरनल कम्युनिकेशन के मुताबिक, अल्ट्रा-लॉन्ग-हॉल उड़ानों पर केबिन क्रू सदस्यों को लेओवर के दौरान और फ्लाइट डायवर्जन की स्थिति में अनिर्धारित लेओवर के दौरान सिंगल रूम मिलेंगे। आम तौर पर अल्ट्रा-लॉन्ग-हॉल उड़ानें वे होती हैं जो 16 घंटे या उससे ज्यादा देर की होती हैं। एअर इंडिया, उत्तरी अमेरिका के लिए ऐसी उड़ानें संचालित करती है।
Read also-Wayanad: कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने वायनाड में शुरु किया चुनाव प्रचार, रोड शो में उमड़ा जनसैलाब
यह भी जानें- इंटरनल कम्युनिकेशन के मुताबिक, केबिन एग्जीक्यूटिव जो लगभग आठ साल के फ्लाइंग एक्सपीरियंस वाले सीनियर सदस्य हैं, उन्हें भी लेओवर के दौरान सिंगल रूम मिलेंगे।एअर इंडिया और विस्तारा में कुल मिलाकर लगभग 25,000 कर्मचारी होंगे। इनमें से लगभग 12,000 केबिन क्रू सदस्य होंगे।एआईसीसीए, 50 साल पुरानी रजिस्टर्ड ट्रेड यूनियन है, जिसके पास अब पूरे भारत में भारतीय और विदेशी एयरलाइनों के केबिन क्रू सदस्य हैं।
