IMD Weather Forecast: भारतीय मौसम विभाग ने अनुमान लगाया है कि साल 2024 के मानसून में देश में सामान्य से ज्यादा बरसात हो सकती है। हालांकि इससे ये नहीं कहा जा सकता कि सब जगह बारिश एक जैसी होगी क्योंकि जलवायु परिवर्तन के कारण बारिश का पूरा सिस्टम बदल रहा है।
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मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि बरसात के दिन तो घटते जा रहे हैं, मगर जोरदार बारिश की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं जिसमें कम वक्त ज्यादा बारिश होती है। इससे सूखे और बाढ़ की घटनाएं भी बढ़ने लगी हैं।नई दिल्ली में प्रेस कांफ्रेंस में भारतीय मौसम विभाग के चीफ
मृत्युंजय महापात्र ने कहा कि साल 1951 से 2023 के बरसात के आंकड़ों को देखें तो भारत में नौ बार ऐसा हुआ जब अल नीनो के बाद ला नीना के हालात बने और सामान्य से ज्यादा बारिश हुई।उन्होंने बताया कि जून से सितंबर के चार महीने के मानसून में लंबे समय के औसत की 106 फीसदी बारिश हो सकती है।
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महापात्र के मुताबिक अभी मामूली अल नीनो के हालात बने हुए हैं और जब तक मानसून का सीजन शुरू होगा, तब तक ये न्यूट्रल हो जाएगा। इसके बाद अगस्त से सितंबर के बीच ला नीना के हालात बन जाएंगे।मौसम विभाग का मानना है कि मानसून में भारतीय महासागर में बेहतर डिपोल कंडीशन बन सकती है, नॉर्दन हेमिस्फेयर में बर्फ कम है, ये बात भारत के दक्षिण पश्चिम मानसून के हक में जाती है।2023 अल नीनो का साल था तो देश में बरसात सामान्य से थोड़ी कम रही थी। उससे पहले के चार साल में भारत में सामान्य या उससे ज्यादा बारिश हुई।भारत में दक्षिण पश्चिम मानसून के दौरान करीब 70 फीसदी बारिश हो जाती है जो खेती के लिए बहुत ज़रूरी है।