भारत चीन सीमा पर हुई झड़प को लेकर आज कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दलों ने लोक सभा में जमकर हंगामा किया।

प्रदीप कुमार – भारत चीन सीमा पर हुई झड़प और सीमा के हालात पर चर्चा कराने की मांग को लेकर आज कांग्रेस समेत अन्य कई विपक्षी दलों ने लोक सभा में जमकर हंगामा किया। इससे पहले विपक्षी दलों ने संसद परिसर में गांधी प्रतिमा के पास प्रदर्शन कर जोरदार नारेबाजी की।

भारत चीन सीमा तनाव पर चर्चा की मांग पर अड़े विपक्ष ने आज संसद के अंदर और बाहर जोरदार प्रदर्शन किया। संसद की कार्रवाई शुरू होने से पहले संसद भवन परिसर में गांधी प्रतिमा के पास विपक्षी पार्टियों ने प्रदर्शन करते हुए जोरदार नारेबाजी की।

इस प्रदर्शन में राज्यसभा में नेता विपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, कांग्रेस संसदीय पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी के अलावा कई विपक्षी नेता शामिल हुए। इससे पहले, सेंट्रल हॉल में कांग्रेस संसदीय दल की बैठक हुई।कांग्रेस के संसदीय दल की बैठक में सोनिया गांधी ने चीनी अतिक्रमण पर चिंता जताई।

 

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ख़बर के मुताबिक बैठक में सोनिया गांधी ने कहा है कि सरकार अड़ी हुई है और इसपर चर्चा नहीं कर रही। जनता और सदन को वास्‍तविक हालात का पता नहीं चल पा रहा। सरकार चीनी घुसपैठ का आर्थिक जवाब क्‍यों नहीं देती?

वही चीन पर चर्चा की मांग को लेकर विपक्ष ने सदन के अंदर भी हंगामा किया।हंगामे के चलते सुबह 11 बजे शुरू हुई लोक सभा की कार्यवाही को विपक्षी दलों के हंगामे के कारण 12 बजे तक के लिए स्थगित करना पड़ा।

12 बजे लोक सभा की कार्यवाही दोबारा शुरू होने पर आवश्यक दस्तावेजों को सदन में पेश करने की प्रक्रिया पूरी होने के बाद कांग्रेस, एनसीपी, डीएमके और सपा सहित अन्य कई विपक्षी दलों ने खड़े होकर चीन के मसले पर चर्चा कराने की मांग की।

लोक सभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि चीन के मसले पर सदन के बाहर हर फोरम पर चर्चा हो रही है। उन्होंने सदन में चर्चा कराने की मांग करते हुए कहा कि चीन के मसले पर सदन में चर्चा होनी ही चाहिए। अन्य विपक्षी दलों के नेताओं ने भी उनकी मांग का समर्थन किया।

चीन पर चर्चा कराने की मांग को खारिज कर दिए जाने के बाद विपक्षी दलों ने लोक सभा से वॉकआउट कर दिया। इधर राजयसभा में भी विपक्ष ने चीन पर चर्चा की मांग को लेकर जोरदार हंगामा किया।नेता विपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि हम सदन में भारत-चीन के मुद्दे को लेकर चर्चा चाहते हैं,खड़गे ने कहा कि अगर सदन में चर्चा नहीं हुई और एकतरफा जवाब हुआ तो इसका क्या मतलब है?

वहीं संसद में चीन के मसले पर चर्चा की मांग पर अड़े विपक्ष को जवाब देते हुए केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने बयान दिया।अरुणाचल से सांसद केंद्रीय मंत्री रिजिजू ने कहा कि 2005 में जब हम विपक्ष में थे और बॉर्डर के विषय को उठाया था तब प्रणब दादा और तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने मुझे बुलाकर कहा था कि भारत-चीन सीमा का मुद्दा संवेदनशील हैं।हमे उसे उजागर न करके आंतरिक रूप से निपटना चाहिए।

केंद्र में कानून मंत्री रिजिजू ने कहा कि 2008 में चीनी राष्ट्रपति जब भारत आए थे तब भी हमने चर्चा की मांग की तब भी यही कहा गया। रिजिजू ने कहा कि आडवाणी जी उस वक्त विपक्ष के नेता थे उन्होंने इस पर हामी भरी थी कि इसे बिना उजागर किए सुलझाया जाए। केंद्रीय मंत्री किरेन रिजूजू ने ये हवाला देकर आरोप लगाया कि आज वही कांग्रेस बार-बार इसे चर्चा में लाने की मांग कर रही है।

बहरहाल चीन पर चर्चा की मांग पर अड़े विपक्ष का संसद के अंदर और बाहर प्रदर्शन जारी है तो वही खबर है कि संसद की कार्यवाही 29 दिसंबर के बजाय अब 23 दिसंबर को समाप्त हो जाएगी।ऐसे में सदन की कार्यवाही के अब महज़ 2 दिन बचे हैं और फिलहाल चीन पर चर्चा के मसले पर बना गतिरोध टूटने के आसार नजर नहीं आ रहे है।

 

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