सोमवार यानि आज देश के महान स्वतंत्रता सेनानी नेता जी सुभाष चंद्र बोस की 126वीं जयंती है। उनके साहस, पराक्रम को देश के समक्ष रखने के लिए भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संसद भवन में नेता जी को श्रृद्धाजंलि अर्पित की। पीएम ने कहा कि प्रत्येक भारतीय को हमारे राष्ट्र के लिए नेताजी के महत्वपूर्ण योगदान पर गर्व है। साथ ही लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला , केंद्रीय पीयूष गोयल ने भी श्रृद्धाशुमन अर्पित किए।
भारत के स्वतंत्रता दिलाने वालें कई महान पराक्रमी और शौर्यवीर लोगों में पहली पंक्ति में नाम आता है। जिन्होने देश को अग्रेजों के चंगुल से छुड़ाने खून से पूरी भारतभूमि को सींच दी। भारत को गुलामी की बेड़ियों से आजाद कराने के उन्होंने कई आंदोलन किए और इसकी वजह से नेताजी को कई बार जेल भी जाना पड़ा। उन्होंने अपने वीरतापूर्ण कार्यों से अंग्रेज़ी सरकार की नींव को हिलाकर रख दिया था जब तक नेताजी रहे, तब तक अंग्रेज़ी हुक्मरान चैन की नींद नहीं सो पाए। इतना ही नही नेता जी का देश के लिए किए गए त्याग और समर्पण आज भी जीवंत है।
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नेता जी ने ही दिया “तुम मुझे खून दो और मै तुम्हें आजादी दूंगा”
तुम मुझे खून दो मैं तुम्हें आजादी दूंगा’ का नारा बुलंद करने वाले महान देशभक्त सुभाष चंद्र बोस एक ऐसी शख्सियत थे, जिन्होंने न सिर्फ देश के अंदर बल्कि देश के बाहर भी आज़ादी की लड़ाई लड़ी। राष्ट्रीय आंदोलन में नेताजी का योगदान कलम चलाने से लेकर आज़ाद हिंद फौज का नेतृत्व कर अंग्रेज़ों से लोहा लेने तक रहा है। नेताजी सुभाष चन्द्र बोस ने अपने कॉलेज के शुरुआती दिनों में ही बंगाल में क्रांति की वो मशाल जलाई, जिसने भारत की आज़ादी की लड़ाई को एक नई धार दी।
बता दें कि नेताजी की राष्ट्र के लिए निस्वार्थ सेवा का सम्मान करने और उन्हें याद करने के लिए, भारत सरकार ने हर साल 23 जनवरी को उनके जन्मदिन को ‘पराक्रम दिवस’ के रूप में मनाने का फैसला किया है।