Focus on India: जर्मनी के राजदूत फिलिप एकरमैन ने बुधवार को कहा कि उनके देश के मंत्रिमंडल ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण दस्तावेज ‘फोकस ऑन इंडिया’ (Focus on India) मंजूर किया है जिसमें जर्मन सरकार के सभी मंत्रालय और विभाग एक साथ इस बात पर सहमत हुए हैं कि द्विपक्षीय संबंधों को अगले स्तर तक कैसे ले जाया जाए। ‘फोकस आन इंडिया’ नामक ये दस्तावेज जर्मन सरकार की तरफ से देश को समर्पित किया गया पहला दस्तावेज है। राजदूत ने कहा कि ये एक ऐसा दस्तावेज है जो पारस्परिक सहयोग के सभी क्षेत्रों को शामिल करता है।जर्मन चांसलर ओलाफ शोल्ज की भारत यात्रा से पहले यहां अपने आवास पर मीडिया से बातचीत में राजदूत एकरमैन ने ये भी कहा कि हमारे पास बहुत सी चीजें होंगी। जिन पर शुक्रवार को चर्चा की जाएगी जब चांसलर और जर्मनी के पांच संघीय मंत्री नई दिल्ली में होंगे। 25 अक्टूबर को PM नरेन्द्र मोदी और चांसलर सातवें अंतर-सरकारी परामर्श (IGC) की सह-अध्यक्षता करेंगे। IGC एक संपूर्ण सरकारी ढांचा है, जिसके तहत दोनों पक्षों के मंत्री अपने-अपने जिम्मेदारी वाले क्षेत्रों में चर्चा करते हैं और अपने विचार-विमर्श के परिणामों की रिपोर्ट PM और चांसलर को देते हैं।
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IGC एक द्विवार्षिक कवायद है और आखिरी बार इसका आयोजन मई 2022 में बर्लिन में किया गया था। PM मोदी और चांसलर के बीच बैठक में जर्मन-भारतीय हरित और सतत विकास साझेदारी (GSDP) पर सहमति बनी थी। उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि इस द्विवार्षिक कवायद से द्विपक्षीय संबंधों के मामले में अगले दो वर्षों के लिए एक रूपरेखा तैयार होगी। समय के साथ ही, ये द्विपक्षीय संबंध और ज्यादा विस्तृत होते जा रहे हैं। मैं कहूंगा, कई चीजों पर शुक्रवार को चर्चा होगी जब चांसलर और पांच मंत्री आएंगे।
उन्होंने बताया कि चांसलर शोल्ज की यात्रा के दौरान जर्मनी के कई मंत्रालयों का प्रतिनिधित्व होगा। उन्होंने बताया कि प्रतिनिधिमंडल में विदेश मंत्री, रक्षा मंत्री, श्रम एवं सामाजिक मामलों के मंत्री, उच्च शिक्षा मंत्री, विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री और जर्मन वाइस चांसलर और आर्थिक मामलों के मंत्री रॉबर्ट हेबेक शामिल होंगे। साथ ही राजदूत ने कहा कि वित्त, सहयोग और विकास के उप-मंत्रियों के अलावा पर्यावरण मंत्री भी आएंगे।एकरमैन ने कहा कि वो जर्मन कैबिनेट की ओर से पिछले बुधवार को मंजूर किए गए दस्तावेज की ओर ध्यान फोकस करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि इस दस्तावेज (Focus on India) में जर्मन सरकार के सभी मंत्रालय और विभाग एक साथ आए हैं और इस बात पर सहमत हुए हैं कि भारत-जर्मनी संबंधों को अगले स्तर तक कैसे ले जाया जाए।
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16 अक्टूबर को जर्मनी के मंत्रिमंडल ने महत्वपूर्ण राजनीतिक दस्तावेज (Focus on India) को मंजूर किया जो भारत के साथ द्विपक्षीय संबंधों की भविष्य की दिशा पर प्रकाश डालता है। जर्मनी के विदेश मंत्रालय की वेबसाइट के अनुसार, जर्मन सरकार 2000 से भारत के साथ हमारे संबंधों को आधार देने वाली रणनीतिक साझेदारी को एक नए स्तर तक ले जाना चाहती है। कार्यान्वयन की दिशा में पहल कदमों पर महीने के अंत में अगले भारत-जर्मन अंतर-सरकारी परामर्श में सहमति बनेगी।
एकरमैन ने कहा कि जर्मनी अगले साल भारत के साथ अपनी रणनीतिक साझेदारी की 25वीं वर्षगांठ मनाएगा। इसलिए ये उचित है कि जर्मन सरकार भारत के साथ अपने सहयोग को भविष्य के लिए उपयुक्त बनाने के लिए व्यापक रूप से अपनाए। ऐसा करके जर्मन सरकार व्यापार, शिक्षा, मीडिया और समाज के हितधारकों के साथ-साथ संघीय राज्यों के बीच भारत के बारे में अधिक जागरूकता को प्रोत्साहित करना चाहती है, ताकि देश के बढ़ते महत्व को दर्शाया जा सके। विदेश मंत्रालय ने पहले एक बयान में कहा था कि PM मोदी के निमंत्रण पर शोल्ज 24 से 26 अक्टूबर तक भारत की राजकीय यात्रा पर आएंगे। बयान में कहा गया कि द्विपक्षीय वार्ता क्षेत्रीय और वैश्विक घटनाक्रमों पर भी केंद्रित होगी। एकरमैन ने कहा कि हमें लगता है कि भारत की अर्थव्यवस्था बेहद नवीन है और गति से बढ़ रही है। हम इस प्रगति और इस नवीन विकास का हिस्सा बनना चाहते हैं।