भारत को अमेरिकी बाजारों में सस्ते दामों पर चावल नहीं बेचना चाहिए, उस पर शुल्क लगाएंगे- डोनाल्ड ट्रंप

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Trump Tariffs On Indian Rice : अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि भारत को अमेरिकी बाजार में चावल ‘‘डंप’’ करना (सस्ते दामों पर बेचना) नहीं चाहिए और वह इस मामले से ‘‘निपट लेंगे।’’ ट्रंप ने चेतावनी दी कि शुल्क (टैरिफ) लगाकर इस ‘‘समस्या’’ का आसानी से हल निकल जाएगा।ट्रंप ने सोमवार को अमेरिकी राष्ट्रपति के आधिकारिक आवास और कार्यालय ‘व्हाइट हाउस’ में खेती और कृषि क्षेत्र के प्रतिनिधियों और अपने कैबिनेट के प्रमुख सदस्यों खासकर वित्त मंत्री स्कॉट बेसेंट और कृषि मंत्री ब्रूक रोलिन्स के साथ एक गोलमेज बैठक की।Trump Tariffs On Indian Rice 

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उन्होंने किसानों के लिए 12 अरब डॉलर की संघीय सहायता की घोषणा की।( Trump Tariffs On Indian Rice) लुइसियाना में अपने परिवार के कृषि कारोबार ‘केनेडी राइस मिल’ का संचालन करने वाली मेरिल केनेडी ने ट्रंप से कहा कि देश के दक्षिणी हिस्से में चावल उत्पादक ‘‘वास्तव में संघर्ष कर रहे हैं’’ और अन्य देश अमेरिकी बाजार में चावल ‘‘डंप’’ कर रहे हैं यानी कि बेहद सस्ते दामों पर चावल बेच रहे हैं।जब ट्रंप ने पूछा कि कौन से देश अमेरिका में चावल सस्ते दामों पर बेच रहे हैं तो राष्ट्रपति के बगल में बैठीं केनेडी ने जवाब दिया,

‘‘भारत और थाईलैंड; यहां तक कि चीन भी प्यूर्टो रिको में चावल सस्ते दामों पर बेच रहा है। प्यूर्टो रिको कभी अमेरिकी चावल का सबसे बड़ा बाजार हुआ करता था। हमने कई वर्षों से प्यूर्टो रिको में चावल नहीं भेजे हैं।केनेडी ने कहा कि ट्रंप प्रशासन द्वारा लगाए गए शुल्क काम कर रहे हैं, ‘‘लेकिन हमें इसे और बढ़ाने की जरूरत है’’। ट्रंप ने फिर बेसेंट की ओर देखते हुए कहा, ‘‘भारत, मुझे भारत के बारे में बताइए। भारत को ऐसा करने की अनुमति क्यों है?Trump Tariffs On Indian Rice

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उन्हें शुल्क देना होगा। क्या उन्हें चावल पर छूट मिली हुई है? इस पर बेसेंट ने कहा, ‘‘नहीं सर, हम अभी उनके साथ व्यापार सौदे पर बातचीत कर रहे हैं।‘इंडियन राइस एक्सपोर्ट्स फेडरेशन’ के आंकड़ों के अनुसार, भारत दुनिया का सबसे बड़ा चावल उत्पादक देश है और वैश्विक बाजार में 28 प्रतिशत हिस्सेदारी रखता है। वह शीर्ष निर्यातक भी है, जिसकी 2024-25 में वैश्विक निर्यात में 30.3 प्रतिशत की हिस्सेदारी है। भारत चावल की जो किस्में वैश्विक स्तर पर निर्यात करता है, उनमें ‘सोना मसूरी’ अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया जैसे बाजारों में पसंद की जाती है।Trump Tariffs On Indian Rice 

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