नई दिल्ली(प्रदीप कुमार): भारत ने ओडिशा के बालासोर तट पर डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम द्वीप से नई पीढ़ी की परमाणु सक्षम बैलिस्टिक मिसाइल अग्नि पी का आज सफलतापूर्वक परीक्षण किया है।
अग्नि प्राइम मिसाइल अग्नि सीरीज की नई जेनरेशन वाली एडवांस मिसाइल है। इसकी मारक क्षमता 1000 से 2000 किलोमीटर के बीच है। अग्नि-पी बैलिस्टिक मिसाइल की अग्नि सीरीज की छठी मिसाइल है। यह मिसाइल सतह से सतह पर मार करने वाली है। इस परमाणु सक्षम मिसाइल को रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन यानी डीआरडीओ द्वारा डिजाइन और विकसित किया गया है।
अग्नि प्राइम को कंटेनर में रखा जा सकता है। इस परीक्षण के दौरान परमाणु सक्षम सामरिक मिसाइल अग्नि प्राइम में कई नए फीचर जोड़े गए हैं। सेना ने कहा है कि मिसाइल परीक्षण ने उच्च स्तर की सटीकता के साथ अपने सभी मिशन उद्देश्यों को पूरा किया है।
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अग्नि पी के सफल परीक्षण पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने टीएम डीआरडीओ को बधाई देते हुए कहा है कि आज के सफल परीक्षण ने सभी आधुनिक तकनीकी एकीकृत प्रणाली के भरोसे को साबित किया है।
The Agni P Missile has been successfully tested off the coast of Odisha.
The flight test has proven the reliable performance of all the advanced technologies integrated into the system.
Congratulations to Team @DRDO_India. The nation is proud of their achievements. pic.twitter.com/14CCwT6sG8
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) December 18, 2021
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि हमारे पास युवा प्रशिक्षित वैज्ञानिक, तकनीकी और प्रबंधकीय प्रतिभा है। वहीं DRDO के अध्यक्ष डॉ. जी सतीश रेड्डी ने सफल परीक्षण करने के लिए टीम के प्रयासों की सराहना की
इस बेहतरीन मिसाइल की मारक क्षमता 1000 से 2000 किलोमीटर के बीच है। यानि पाकिस्तान के साथ चीन भी भारत के निशाने पर बड़ी आसानी से आ गए हैं। इसके साथ ही भारत को दुश्मनों का सफाया करने के लिए एक और बेहतरीन हथियार मिल गया है। इससे सेना की मारक क्षमता बढ़ी है।
इससे पहले पिछले दिनों भारत ने ओडिशा के चांदीपुर से ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल के एयर वर्जन का सफलतापूर्वक परीक्षण किया था। इससे पहले ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल के एंटी-शिप वर्जन का सफल परीक्षण किया गया था। इस मिसाइल का परीक्षण अंडमान और निकोबार द्वीप समूह से किया गया था।
वहीं, अगले कुछ दिनों में डीआरडीओ की ओर से और कई बैलेस्टिक और क्रूज सीरीज की अत्याधुनिक किस्म की मिसाइलों का परीक्षण किए जाने की संभावना है।