प्रदीप कुमार – केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कथित फीडबैक यूनिट स्नूपिंग मामले में दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मुकदमा चलाने की मंजूरी दे दी है। आरोप है कि 2015 में सत्ता में आने के बाद दिल्ली सरकार ने एक फीडबैक यूनिट एफबीयू बनाई थी जिसका काम हर विभाग पर नजर रखना था। इस मामले में दिल्ली विजिलेंस की शिकायत के बाद सीबीआई ने जांच शुरू की थी। इस मामले में सीबीआई ने गृह मंत्रालय से दिल्ली डिप्टी सीएम पर केस चलाने की अनुमति मांगी थी जिसे अब मंजूरी मिल गयी है।
CBI की ओर से केस चलाये जाने की मंजूरी दिए जाने के मामले में उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने twitter पर ट्वीट किया और केंद्र सरकार के इस कदम की कड़ी आलोचना की।मनीष सिसौदिया ने अपने ट्वीट में लिखा कि अपने प्रतिद्वंद्वियों पर झूठे मामले दर्ज करना कमजोर और कायर इंसान की निशानी है जैसे जैसे आम आदमी पार्टी बढ़ेगी हम पर और भी बहुत केस किए जाएंगे। इनसे पहले बीजेपी ने सिसोदिया पर आरोप लगाया था कि दिल्ली सरकार की ‘फीडबैक यूनिट’ के जरिए केंद्र सरकार के मंत्रालयों, विपक्षी दलों, विभिन्न संस्थाओं और लोगों की जासूसी कराई है।
आम आदमी पार्टी AAP ने साल 2015 में दिल्ली में सरकार बनाने के बाद इस यूनिट का गठन किया था। विजिलेंस विभाग के मंत्री होने के नाते सिसोदिया पर ये आरोप लगाए गए हैं। दिल्ली के उपराज्यपाल वी के सक्सेना ने केंद्र सरकार से इस मामले की जांच CBI से कराने की अनुशंसा की थी। इसके बाद CBI ने मुकदमा दर्ज करने की अनमुति केंद्र सरकार से मांगी थी। गृह मंत्रालय की ओर से 17 फरवरी की तारीख से जारी चिट्ठी में उपमुख्यमंत्री सिसोदिया के खिलाफ कार्रवाई की अनुमति दी गई है।
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मनीष सिसोदिया के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम 1988 की धारा 17क के तहत मुकदमा चलाने की मंजूरी दी गई है। दिल्ली के उप-राज्यपाल के प्रधान सचिव को भेजे गए पत्र में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कहा हैं कि सिसोदिया के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम 1988 की धारा 17क के तहत मुकदमा चलाए जाने की मंजूरी दी जाती है।