प्रदीप कुमार की रिपोर्ट – भारत-चीन के बिगड़ते रिश्तों के बीच चीन के विदेश मंत्री वांग यी शुक्रवार को भारत दौरे पर रहे। इस दौरान चीन के विदेश मंत्री ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार NSA अजीत डोभाल और विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर से मुलाकात की। हालांकि,चीन के विदेश मंत्री प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करना चाहते थे, लेकिन भारत की ओर से इससे इंकार कर दिया गया। जानकारी के मुताबिक, चीन के विदेश मंत्री वांग यी प्रधानमंत्री से विशेष मुलाकात के लिए ही भारत आए थे।
चीन के विदेश मंत्री शुक्रवार को उनसे मुलाकात भी करना चाहते थे, लेकिन पीएमओ ने यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के शपथ ग्रहण समारोह का हवाला देते हुए इससे इंकार कर दिया। दरअसल, पीएम मोदी शुक्रवार को लखनऊ में मौजूद रहे।यहां पीएम मोदी यूपी के सीएम के शपथग्रहण समारोह में शामिल हुए थे। इसी कार्यक्रम की व्यस्तता के चलते उनकी मुलाकात मुमकिन नहीं हो सकी।
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सूत्रों के मुताबिक,चीन के विदेशमंत्री वांग यी ने NSA अजीत डोभाल से मुलाकात करने के बाद उन्हें चीन आने का निमंत्रण भी दिया है। वहीं एनएसए की ओर से इस पर सकारात्मक प्रतिक्रिया दी गई है। उनकी ओर से कहा गया है कि मौजूदा मुद्दों के समाधान के बाद वह बीजिंग की यात्रा कर सकते हैं।
इसके अलावा चीनी विदेश मंत्री के साथ शुक्रवार को प्रतिनिधिमंडल स्तरीय वार्ता के बाद विदेश मंत्री जयशंकर का बयान आया। विदेश मंत्री एम जयशंकर ने कहा कि भारत और चीन के बीच में जो मौजूदा स्थिति है, उसकी प्रगति बहुत धीमी है। विदेश मंत्री ने कहा कि वह वांग यी से मिले और भेंट के दौरान इसमे तेजी लाने पर चर्चा हुई।विदेशमंत्री जयशंकर ने कहा कि अप्रैल 2020 में सीमा पर चीन की कार्रवाइयों के दौरान दोनों देशों के मध्य द्विपक्षीय संबंधों पर असर पड़ा, इसमें बाधा बहुंची। दो साल के दौरान सीमाई क्षेत्रों में तनाव का असर दोनों देशों के बीच नजर आया। हमारे बीच में इस आधार को मजबूत करने तथा सामने आ रही मुश्किलों को दूर करने का समझौता भी है।
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने भी चीन के एनएसए से सीमा पर अंतरराष्ट्रीय समझौतों की अनुपालना पर जोर दिया। चीन की सेनाओं को पूरी तरह से पीछे ले जाने के लिए कहा और साथ मिलकर द्विपक्षीय संबंधों को नए चरण में ले जाने चर्चा की।