उत्तर प्रदेश के वाराणसी में भारी बारिश और जलाशयों से पानी छोड़े जाने के कारण गंगा का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है, जो लगातार घाटों की ओर बढ़ रहा है, जिससे घाट किनारे के छोटे मंदिर और पूजा की जगहें पानी में डूब रही हैं। वहीं निचले इलाकों में बाढ़ जैसी स्थिति बन गई है जिससे जनजीवन भी प्रभावित हो रहा है।
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वाराणसी में पुजारियों का कहना है कि सावन का पवित्र महीना आमतौर पर काफी व्यस्तता भरा होता है लेकिन पर्यटकों के घाटों तक न पहुंच पाने के कारण उन्हें निराशा हो रही है। घाट के किनारे पूजा-पाठ की ज़रूरी चीजें बेचने वाली कई दुकानें भी बंद हो गई हैं, जिससे लोगों की आजीविका भी प्रभावित हो रही है। अधिकारियों ने मानसून के तेज होने की संभावना को देखते हुए लोगों को सतर्क रहने की अपील की है।
बाढ़ के पानी के कारण कई घाट जमीन से कट चुके हैं। नाविकों को अपने काम में बदलाव करना पड़ा है क्योंकि प्रमुख घाटों पर जगह कम होने से उनकी नियमित गतिविधियां और आजीविका दोनों प्रभावित हो रही हैं। वहीं जिला प्रशासन ने तीर्थयात्रियों को गहरे पानी में जाने से बचने की सलाह दी है और आपातकालीन सेवाएं भी हाई अलर्ट पर हैं।