Uttarakhand: देश की राजधानी दिल्ली के पड़ोसी राज्य उत्तराखंड की राजधानी देहरादून और राज्य के कई अन्य हिस्सों में मंगलवार को रात भर बादल फटने और भारी बारिश ने तबाही मचा दी। उफनती नदियों ने इमारतें, सड़कें और पुल बहा दिए। इस घटना में 15 लोगों की मौत हो गई, वहीं 16 लोग लापता हो गए। भूस्खलन और रास्ता कटने से पहाड़ी राज्य के विभिन्न स्थानों पर 900 लोग फंसे हुए हैं। Uttarakhand
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आपको बता दें, अतिवृष्टि से हुई कुल मौतों में से, अकेले देहरादून जिले में 13 और नैनीताल और पिथौरागढ़ जिलों में एक-एक व्यक्ति की मौत हुई है। उत्तराखंड आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने बताया कि राज्य की राजधानी के विभिन्न हिस्सों में 16 लोग लापता बताए गए हैं। इसमें 3 लोग घायल भी हुए हैं, जिनका इलाज चल रहा है। Uttarakhand
राज्य आपातकालीन संचालन केंद्र (एसईओसी) ने बताया कि खराब मौसम के बीच लापता लोगों की तलाश जारी है, जबकि एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और दमकल कर्मियों ने फंसे हुए अधिकांश लोगों को सुरक्षित निकाल लिया है। इसमें कहा गया है कि एसडीआरएफ, एनडीआरएफ और अग्निशमन विभाग के जवानों ने विभिन्न स्थानों पर फंसे 900 लोगों का रेस्क्यू किया है।
बारिश के बाद ज़्यादातर नदियाँ उफान पर थीं। तमसा नदी, जिसे टोंस नदी भी कहा जाता है, ने अपने तट पर स्थित प्रसिद्ध टपकेश्वर मंदिर को जलमग्न कर दिया, जिससे उसके प्रवेश द्वार के पास स्थित विशाल हनुमान प्रतिमा कंधों तक डूब गई। मंदिर के पुजारी बिपिन जोशी ने बताया कि उन्होंने पिछले 25-30 सालों में नदी का पानी इतना ऊपर उठते नहीं देखा। Uttarakhand
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