Water Crisis In Delhi : दिल्ली के मंत्री और एएपी नेता (AAP )सौरभ भारद्वाज ने हिमाचल प्रदेश को राष्ट्रीय राजधानी के लिए ज्यादा पानी छोड़ने का निर्देश देने के लिए सुप्रीम कोर्ट का आभार जताया है। साथ ही उन्होंने हिमाचल प्रदेश का भी शुक्रिया अदा किया है।पीटीआई से बातचीत में सौरभ भारद्वाज ने कहा कि दिल्ली सरकार बार-बार कह रही है कि हरियाणा दिल्ली को कम पानी दे रहा है। उन्होंने कहा कि पानी को लेकर हिमाचल प्रदेश सरकार से बातचीत की गई, जिसके बाद वो राजी हो गई।
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सौरभ भारद्वाज ने कहा कि ये दुर्भाग्य की बात है कि पानी जैसे मामले को लेकर दिल्ली की चुनी हुई सरकार को सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ा।एएपी नेता ने कहा कि हरियाणा की बीजेपी सरकार ने पानी के मुद्दे को राजनैतिक रंग दिया है।सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को दिल्ली में पानी की किल्लत को देखते हुए हिमाचल प्रदेश को राष्ट्रीय राजधानी के लिए अतिरिक्त पानी छोड़ने का निर्देश दिया।साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने हरियाणा सरकार को निर्देश दिया है कि जब पानी हथिनीकुंड बैराज से छोड़ा जाए तो हरियाणा वजीराबाद तक पानी पहुंचाने में मदद करे, ताकि बिना किसी बाधा के दिल्ली के लोगों को पीने का पानी मिल सके।सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार से भी पानी की बर्बादी रोकने कहा है।
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सौरभ भारद्वाज ने कहा देखिए यह बात बार-बार दिल्ली की चुनी हुई सरकार बोल रही है कि हरियाणा, दिल्ली को पानी कम छोड़ रहा है, और दूसरी बात हम लोगों ने हिमाचल प्रदेश की सरकार से बात की। मैंने खुद मुख्यमंत्री सुक्खू, जो सुखविंदर जी हैं, उनसे बात की थी कि वे दिल्ली को पानी दें। हिमाचल प्रदेश की सरकार दिल्ली को पानी देने के लिए तैयार थी, लेकिन हरियाणा सरकार, पानी के लिए रास्ता तक देने के लिए तैयार नहीं थी। ये बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि इस मामले के लिए दिल्ली की चुनी हुई सरकार को सुप्रीम कोर्ट जाना पड़ा और हम धन्यवाद करेंगे सुप्रीम कोर्ट का, जिन्होंने आदेश दिया हरियाणा को, कि जब हिमाचल पानी देना चाहता है
दिल्ली सरकार पानी लेना चाहती है, तो आप रास्ता क्यों रोक रहे हैं। आप उनको रास्ता दीजिए। हम धन्यवाद करेंगे हिमाचल सरकार का भी और सुप्रीम कोर्ट को भी जिन्होंने रास्ता खोला और ये बहुत शर्म की बात है, कॉपरेटिव फेडरलिज्म की बात करने वाली भारतीय जनता पार्टी, हिमाचल के हां करने के बाद भी रास्ता देने को तैयार नहीं है। ये काम तो हरियाणा की भारतीय जनता पार्टी सरकार को पहले ही कर देना चाहिए था।
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