CM खट्टर नशे के खिलाफ क्या उठा रहे कदम और गृह मंत्री अनिल विज ने नशा तस्करों को क्यो दी चेतावनी

हरियाणा के गृहमंत्री अनिल विज ने ट्वीट कर कांग्रेस पर कसा तंज

मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने चंडीगढ़ में मादक पदार्थों को रोकने के लिए राज्य सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की जानकारी देते हुए कहा कि गत वर्ष नशे से सम्बन्धित सभी पहलुओं पर गहन अध्ययन के बाद हरियाणा राज्य नारकोटिक्स नियंत्रण ब्यूरो द्वारा एक विस्तृत स्टेट एक्शन प्लान बनाया गया है। समाज के हर आयु वर्ग के नागरिकों को नशा मुक्त हरियाणा के यज्ञ में सम्मिलित करने के लिए ग्राम, वार्ड, कलस्टर, सब-डिवीजन, जिला व राज्य मिशन टीमों का गठन किया है। शिक्षण संस्थानों को भी इस बुराई से बचाने के लिए एक विशेष कार्यक्रम प्रारम्भ किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इन 10 सदस्यीय टीमों का गठन मार्च के अंत तक किया जाएगा और इसमें 5 स्थानीय प्रतिनिधि और 5 अधिकारी शामिल होंगे। उन्होंने कहा कि जल्द ही पूरे राज्य में नशीले पदार्थों के खिलाफ व्यापक अभियान चलाया जाएगा और इस समस्या की जड़ तक पहुंचने के लिए फॉरवर्ड, बैकवर्ड लिंकेज मैकेनिज्म स्थापित किया गया है। उन्होंने कहा कि नशे के आदी लोगों की मदद के लिए नशा मुक्ति केंद्र स्थापित किए जाएंगे और ऐसे लोगों के लिए विशेष परामर्श सत्र सुनिश्चित किए जाएंगे ताकि उन्हें इस सामाजिक बुराई को छोड़कर मुख्यधारा में लाने में मदद मिल सके। उन्होंने कहा कि मादक पदार्थों के दुरुपयोग की बढ़ती प्रवृत्ति को रोकने के लिए समर्पित प्रयास किए जा रहे हैं। मादक पदार्थों की तस्करी और बिक्री पर प्रभावी ढंग से अंकुश लगाने के लिए हरियाणा राज्य नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो का गठन किया गया है।

 

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मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले एक साल में हरियाणा राज्य नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो और हरियाणा पुलिस ने 2,746 अभियोग दर्ज किये हैं और 3,975 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इस दौरान 29.13 किलो हेरोइन, 157.25 किलो चरस, 11,368 किलो गांजा, 356.19 किलो अफीम, 8550 किलो चूरापोस्त और 13 लाख 64 हजार 121 नशीली गोलियां, सिरप इत्यादि जब्त किया है।उन्होंने कहा कि जिला, रेंज और राज्य स्तर पर एंटी नारकोटिक्स सैल्स स्थापित किये गये हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस दिशा में एक बड़ी पहल करते हुए पंचकूला में एक अन्तरराज्यीय ड्रग सचिवालय की स्थापना की गई है। यह सचिवालय सहभागी राज्यों से मादक पदार्थों सम्बंधी अपराधियों की प्रासंगिक सूचना एकत्रित करता है ताकि एक डाटा बेस तैयार किया जा सके, जिससे उत्तरी राज्यों को मादक पदार्थों पर नकेल कसने में सहायता मिल सके। इसके अलावा, प्रदेश स्तर पर स्पेशल टास्क फोर्स का गठन किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इसके लिए 3 ई पर काम कर रहे हैं, जिसमें एनफोर्समेंट, एजुकेशन, एंगेजमेंट ऑफ सिविल सोसाइटी शामिल हैं। उन्होंने कहा कि हरियाणा राज्य नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो द्वारा ‘हॉक’ सॉफ्टवेयर और मोबाइल ऐप ‘प्रयास’ के माध्यम से नशे के तस्करों, तस्करी में संलिप्त लोगों का डाटा बैंक तैयार किया जा रहा है। इस की सहायता से किसी सम्बंधित तस्कर के बारे में कोई भी सूचना तुरन्त प्राप्त कर बिना किसी देरी के कार्रवाई की जा सकेगी। उन्होंने कहा कि नारकोटिक्स ब्यूरो द्वारा राज्य में नशे की स्थिति एवं कारणों पर विश्ववविद्यालयों के सहयोग से विस्तृत वैज्ञानिक, सामाजिक एवं मनोवैज्ञानिक अध्ययन करवाया जा रहा है।गृह मंत्री अनिल विज ने नशा तस्करों को चेतावनी देते हुए कहा कि या तो उन्हें नशा तस्करी बंद करनी होगी नहीं तो उन्हें हरियाणा छोड़ना होगा। उन्होंने कहा कि ब्यूरो द्वारा नशा पीडि़तों की सहायता और नशे के अवैध कारोबार में संलिप्त अपराधियों की सूचना देने के लिए टोल फ्री नंबर 90508-91508 जारी किया गया है, जो 24 घण्टे खुला रहता है। इस नम्बर पर कोई भी व्यक्ति नशे से संबंधित सूचना दे सकता है और समाज से बुराई के उन्मूलन में योगदान देकर अपनी सामाजिक जिम्मेदारी का निर्वहन कर सकता है। सूचना देने वाले का नाम गुप्त रखा जाएगा। उन्होंने कहा कि हरियाणा को नशा मुक्त बनाया जाएगा और इसके लिए नारकोटिक्स विभाग के अलावा अन्य पूरे पुलिस विभाग को ड्रग्स के अलावा जुआ, शराब, तस्करी, अवैध हथियारों में शामिल लोगों पर नकेल कसने का निर्देश दिया गया है। उन्होंने कहा कि इन मामलों पर पुलिस अधीक्षकों द्वारा एक साप्ताहिक रिपोर्ट प्रस्तुत की जाती है। उन्होंने कहा कि अब तक 18,937 छापेमारी की गई है और 4879 मामले दर्ज किए गए हैं, 5379 आरोपी गिरफ्तार किए गए हैं। इसके अलावा, 65,35,643 रुपये की राशि रिकवर की गई है। साथ ही, 172 अवैध पिस्तौल, 202 कारतूस और 76,154 शराब की बोतलें बरामद की गई हैं।  उन्होंने कहा कि केस डिस्पोजल के लिए एक योजना बनाई गई है जिसमें हर स्तर पर संबंधित अधिकारी की जवाबदेही तय की गई है। गृह मंत्री ने कहा कि किसी भी मामले में देरी के लिए इंस्पेक्टर रैंक के अधिकारी से लेकर पुलिस अधीक्षक तक के अधिकारी जिम्मेदार होंगे। इसके लिए एक पोर्टल विकसित किया गया है और अगले 15 दिनों में इसे परीक्षण के आधार पर चलाया जाएगा। इस पोर्टल में दर्ज किए गए प्रत्येक मामले का पूरा विवरण मेरे डैशबोर्ड पर उपलब्ध कराया जाएगा।

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