CJI DY Chandrachud: देश दुनिया में इन दिनों खाने पीने को लेकर अलग अलग ब्रांड देखने को मिल रहे है। लोग अब वीगन डाइट यानी की नॉन एल्कोहोलिक खाने की तरफ तेजी से बढ़ रहे हैं। भारत में भी कई लोग अब वीगन डाइट का फॉलो करते मिल जाएंगे और सिर्फ भारत में नहीं अब तो इस्लामिक देशों में भी इसका चलन तेजी से बढ़ रहा है।हेल्थ एक्सपर्ट के मुताबिक पिछले कुछ सालों से वीगन डाइट बेहद लोकप्रिय हुआ हैं। आइए जानते हैं कि आखिर इस डाइट के पीछे क्यों भाग रहे हैं लोग। इसके फायदे नुकसान क्या हैं?
क्यों वीगन डाइट को फॉलो कर रहे है लोग
भारत के सर्वोच्च न्यायाधीश सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने हाल ही में एक कार्यक्रम के दौरान इस बात का खुलासा किया कि वे ‘होलिस्टिक लाइफस्टाइल’ फॉलो करते हैं । उनकी पत्नी भी पिछले 6 माह से वीगन डाइट’ फॉलो करती है। वीगन का मतलब शुद्ध शाकाहारी डाइट है, जिसमें डेयरी प्रोडक्ट्स भी शामिल नहीं होते। दुनियाभर में लोगों का मांसाहारी खाने छोड़ने का मतलब है इससे होने वाली स्वास्थ्य संबंधी समस्याए। ज्यादा मांस खाने से दिल का दौरा स्ट्रोक कैंसर जैसी घातक बीमारी हो सकती है। वीगन लाइफस्टाइल का एकमात्र लक्ष्य होता है कि जानवरों के साथ किसी प्रकार का उत्पीड़न न हो ।
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आपको बता दे कि वीगन डाइट एक तरह की वेजिटेरियन डाइट है।वीगन डाइट का मतलब है- बिना मांस, पोल्ट्री, अंडा ,मछली, डेयरी और शहद के खाना. इसमें लोग सभी तरह के डेयरी उत्पाद यानी दूध, दही, मक्खन, घी और छाछ को भी खाना छोड़ देते हैं। वीगन डाइट में सिर्फ अनाज, सब्जियां, फल और ड्राई फ्रूट्स जैसी चीजें ही खा सकते है।वीगन डाइट लेने वाले लोग अक्सर प्रोटीन के लिए सोया, टोफू, सोया मिल्क, दालों, पीनट बटर, बादाम आदि का सेवन करते है। इन्हें कैल्शियम हरी पत्तेदार सब्जियों, टोफू और रागी के आटे इत्यादि से प्राप्त हो जाता है ।
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प्राप्त जानकारी के अनुसार वीगन’ शब्द का भले ही पहली बार 50 के दशक में प्रयोग किया गया हो। लेकिन इसकी जड़ें प्राचीन भारतीय और पश्चिम एशियाई संस्कृतियों तक जाती हैं।भारत की बात करें तो प्राचीन काल में हिंदू साधु-संत इस प्रकार के खानपान खाते रहे हैं, जो ‘वीगन’ के दायरे में आता है।